स्थायी:- सूर्य देव का वार है ऊर्जा का संचार है
रविवार दिन सूर्यदेव का पूज रहा संसार है
१.
अंतरा:- सूर्य देव का रथ चलता है तो जन जीवन चलता है
पाके उष्मा सूर्य देव की धरा का अंचल खिलता है
यही सूर्य का सार है …………………………..
२.
अंतरा:- प्रातः काल की नर्म लालिमा सूर्य देव जब लाते है
जान जीवन जागृत होता है पंछी गुन गुन गाते है
धरती का श्रृंगार है ……………………………….
३.
अंतरा:- सूर्य देवता का जो प्रतिदिन पूजन वंदन करता है
नियमित कर स्नान ध्यान जो रवि अभिनन्दन करता है
कटता रोग विकार है………………………………………
Singer - Avinash Karn