आपकी किरपा से घर संसार चलता है - संजय मित्तल जी।


आपकी किरपा से घर,
संसार चलता है,
प्रेम से भोजन हमें,
दो वक्त मिलता है,
प्रेम से भोजन हमें,
दो वक्त मिलता है।।

जबसे तेरी पूजा की है,
देखा ये अंजाम,
काम जो अटके पड़े थे,
बन गए वो काम,
करके तेरी नौकरी,
परिवार चलता है,
करके तेरी नौकरी,
परिवार चलता है,
प्रेम से भोजन हमें,
दो वक्त मिलता है।।

ना है चिंता ना फिकर है,
आपका है साथ,
छा गई जीवन में खुशियाँ,
बीती काली रात,
नाम से तेरे ये दिन,
उगता है ढलता है,
नाम से तेरे ये दिन,
उगता है ढलता है,
प्रेम से भोजन हमें,
दो वक्त मिलता है।।

हम गरीबों का सहारा,
तू हमारा है,
नांव मेरी तू चलाए,
तो गुजारा है,
आपकी मर्जी बिना,
पत्ता ना हिलता है,
आपकी मर्जी बिना,
पत्ता ना हिलता है,
प्रेम से भोजन हमें,
दो वक्त मिलता है।।

आपकी किरपा से घर,
संसार चलता है,
प्रेम से भोजन हमें,
दो वक्त मिलता है,
प्रेम से भोजन हमें,
दो वक्त मिलता है।।

Singer - संजय मित्तल जी।