अनुराधा पौडवाल और गुलशन कुमार 10 सबसे मनमोहक शिव भजन (Anuradha Paudwal and Gulshan Kumar 10 Most Adorable Shiva Bhajans) - Anuradha Paudwal


अनुराधा पौडवाल और गुलशन कुमार 10 सबसे मनमोहक शिव भजन (Anuradha Paudwal and Gulshan Kumar 10 Most Adorable Shiva Bhajans)

1. ऐसी सुबह ना आए

2. हे शिव पिता परमात्मा

3. आओ महिमा गाए भोले नाथ की

4. शिव आरती - ॐ जय गंगाधर

5. ॐ नमः शिवाय धुन

6. शिव सुमिरन से सुबह शुरू

7. हे शिव शंकर भोले बाबा

8. शंकर नमामि

9. शिव तांडव स्तोत्रम्

 

10. महादेव शंकर हैं जग से निराले

ऐसी सुबह ना आए (Aisi Subah Na Aaye)

शिव है शक्ति, शिव है भक्ति,

शिव है मुक्ति धाम,

शिव है ब्रह्मा, शिव है विष्णु,

शिव है मेरा राम ।

लक्खा जी का सुपरहिट भजन: शिव शंकर डमरू वाले

ऐसी सुबह ना आए,

आए ना ऐसी शाम,

जिस दिन जुबा पे मेरी,

आए ना शिव का नाम ।

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय ।

 

मन मंदिर में वास है तेरा,

तेरी छवि बसाई,

प्यासी आत्मा बनके जोगन,

तेरी शरण में आई,

तेरी ही शरण में पाया,

मैंने यह विश्राम ।

ऐसी सुबह ना आए,

आए ना ऐसी शाम ।

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय ।

 

तेरी खोज में ना जाने,

कितने युग मेरे बीते,

अंत में काम क्रोध मद हारे,

हे भोले तुम जीते,

मुक्त किया तूने प्रभु मुझको,

शत शत है प्रणाम ।

ऐसी सुबह ना आए,

आए ना ऐसी शाम ।

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय ।

भोले जी का सबसे मनमोहक भजन: सज रहे भोले बाबा

सर्व कला संम्पन तुम्ही हो,

हे मेरे परमेश्वर,

दर्शन देकर धन्य करो अब,

हे त्रिनेत्र महेश्वर,

भव सागर से तर जाउंगी,

लेकर तेरा नाम ।

ऐसी सुबह ना आए,

आए ना ऐसी शाम ।

हे शिव पिता परमात्मा (Hey Shiv Pita Parmatma)

हे शिव पिता परमात्मा करते है तेरी पार्थना,

ज्ञान को सूरज है तू सारे जगत की आत्मा,

हे शिव पिता परमात्मा करते है तेरी पार्थना।।

हे शिव पिता परमात्मा करते है तेरी पार्थना,

ॐ हरिओम ॐ हरिओम ॐ हरिओम।।

सबसे सुन्दर भजन: डम डम डमरू बाजे

शिव है अक्षर है शिव गणित है,

शब्द शिव गुणगान शिव,

ज्ञान शिव विज्ञानं शिव,

कंठ शिव वाणी भी शिव है,

शिव हमारी चेतना।।

 

हे शिव पिता परमात्मा करते है तेरी पार्थना,

ज्ञान को सूरज है तू सारे जगत की आत्मा,

हे शिव पिता परमात्मा करते है तेरी पार्थना,

 

हे शिव पिता परमात्मा करते है तेरी पार्थना,

ॐ हरिओम ॐ हरिओम ॐ हरिओम,

 

आँख की ज्योति भी शिव है,

हाथ की शक्ति भी शिव है,

मन भी शिव मस्तक भी शिव है,

श्रद्धा भी शिव भक्ति भी शिव,

शिव ही शिव होरही है शिव तेरी आराधना,

मन को मोह लेने वाला भजन: जय शम्भु जय जय शम्भू

हे शिव पिता परमात्मा करते है तेरी पार्थना,

ज्ञान को सूरज है तू सारे जगत की आत्मा,

हे शिव पिता परमात्मा करते है तेरी पार्थना,

आओ महिमा गाए भोले नाथ की (Aao Mahima Gaye Bhole Nath Ki)

आओ महिमा गाए भोले नाथ की

भक्ति में खो जाए भोले नाथ की

आओ महिमा गाए भोले नाथ की

भक्ति में खो जाए भोले नाथ की

हंसराज रघुवंशी का सबसे मनमोहक भजन: गौरी शंकर

भोले नाथ की जय, शम्भू नाथ की जय

गौरी नाथ की जय, दीना नाथ की जय

आओ महिमा गाए भोले नाथ की

भक्ति में खो जाए भोले नाथ की

 

मुख पर तेज है, अंग भभूती

गले सर्प की माला।

माथे चन्द्रमा, जटा में गंगा

शिव का रूप निराला॥

 

अन्तर्यामी, सबका स्वामी

भक्तो का रखवाला।

तीन लोको में बाट रहा है

ये दिन रात उजाला॥

 

जय बोलो, जय बोलो भोले नाथ की

भक्ति में खो जाए भोले नाथ की

भोले नाथ की जय, शम्भू नाथ की जय

गौरी नाथ की जय, दीना नाथ की जय

आओ महिमा गाए भोले नाथ की

भक्ति में खो जाए भोले नाथ की

 

हरी ओम नमः शिवाय नमो

हरी ओम नमः शिवाय नमो

हरी ओम नमः शिवाय नमो

हरी ओम नमः शिवाय नमो

 

पी के भंग तरंग में जब जब

भोला शंकर आए।

हाथ में अपने डमरू ले कर

नाचे और नचाये॥

 

जो भी श्रध्दा और भक्ति की

मन में ज्योत जगाये।

मेरा भोला शंकर उस पर

अपना प्यार लुटाये॥

भोले बाबा से प्रार्थना: आया हूँ भोले मैं तेरे द्वार

जय बोलो, जय बोलो भोले नाथ की

भक्ति में खो जाए भोले नाथ की

भोले नाथ की जय, शम्भू नाथ की जय

गौरी नाथ की जय, दीना नाथ की जय

आओ महिमा गाए भोले नाथ की

भक्ति में खो जाए भोले नाथ की

 

भव पार लगते शिव भोले

बिगड़ी बनाते ये शिव भोले।

कष्ट निवारे ये शिव भोले

दुःख दूर करे ये शिव भोले॥

 

जय बोलो दीनानाथ की

जय बोलो गौरीनाथ की

जय बोलो बद्रीनाथ की

जय बोलो शम्भूनाथ की

 

है सबसे न्यारे शिव भोले।

है डमरू धरी शिव भोले।

भोले भंडारी शिव भोले।

 

जय बोलो दीनानाथ की

जय बोलो गौरीनाथ की

जय बोलो बद्रीनाथ की

जय बोलो शम्भूनाथ की

 

भव पार लगते शिव भोले

बिगड़ी बनाते शिव भोले।

कष्ट निवारे शिव भोले

दुःख दूर करे ये शिव भोले।

शिव : नमस्काराथा मंत्र

आओ महिमा गाए भोले नाथ की

भक्ति में खो जाए भोले नाथ की

शिव आरती - ॐ जय गंगाधर (Shiv Aarti - Om Jai Gangadhar)

ॐ जय गंगाधर जय हर,

जय गिरिजाधीशा ।

त्वं मां पालय नित्यं,

कृपया जगदीशा ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

हंसराज रघुवंशी का सबसे मनमोहक भजन : पार्वती बोली शंकर से

कैलासे गिरिशिखरे,

कल्पद्रुमविपिने ।

गुंजति मधुकरपुंजे,

कुंजवने गहने ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

 

कोकिलकूजित खेलत,

हंसावन ललिता ।

रचयति कलाकलापं,

नृत्यति मुदसहिता ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

 

तस्मिंल्ललितसुदेशे,

शाला मणिरचिता ।

तन्मध्ये हरनिकटे,

गौरी मुदसहिता ॥

 

क्रीडा रचयति,

भूषारंचित निजमीशम् ‌।

इंद्रादिक सुर सेवत,

नामयते शीशम्‌ ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

 

बिबुधबधू बहु नृत्यत,

हृदये मुदसहिता ।

किन्नर गायन कुरुते,

सप्त स्वर सहिता ॥

कालभैरव अष्टकम

धिनकत थै थै धिनकत,

मृदंग वादयते ।

क्वण क्वण ललिता वेणुं,

मधुरं नाटयते ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

 

रुण रुण चरणे रचयति,

नूपुरमुज्ज्वलिता ।

चक्रावर्ते भ्रमयति,

कुरुते तां धिक तां ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

 

तां तां लुप चुप,

तां तां डमरू वादयते।

अंगुष्ठांगुलिनादं,

लासकतां कुरुते ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

 

कपूर्रद्युतिगौरं,

पञ्चाननसहितम् ।

त्रिनयनशशिधरमौलिं,

विषधरकण्ठयुतम्‌ ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

 

सुन्दरजटायकलापं,

पावकयुतभालम् ‌।

डमरुत्रिशूलपिनाकं,

करधृतनृकपालम्‌ ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

 

मुण्डै रचयति माला,

पन्नगमुपवीतम् ‌।

वामविभागे गिरिजा,

रूपं अतिललितम्‌ ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

 

सुन्दरसकलशरीरे,

कृतभस्माभरणम्‌।

इति वृषभध्वजरूपं,

तापत्रयहरणं ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

 

शंखनिनादं कृत्वा,

झल्लरि नादयते ।

नीराजयते ब्रह्मा,

वेदऋचां पठते ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

 

अतिमृदुचरणसरोजं,

हृत्कमले धृत्वा ।

अवलोकयति महेशं,

ईशं अभिनत्वा ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

 

ध्यानं आरति समये,

हृदये अति कृत्वा ।

रामस्त्रिजटानाथं,

ईशं अभिनत्वा ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

जुबिन नौटियाल का मधुर भजन : मेरे भोले नाथ

संगतिमेवं प्रतिदिन,

पठनं यः कुरुते ।

शिवसायुज्यं गच्छति,

भक्त्या यः श्रृणुते ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

ॐ नमः शिवाय धुन (Om Namah Shivay Dhun)

ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय,

हर हर भोले नमः शिवाय…

लक्खा जी का सुपरहिट भजन: शिव शंकर डमरू वाले

रामेश्वराय शिव रामेश्वराय,

हर हर भोले नमः शिवाय…

ॐ नमः, शिवाय…

हर हर भोले नमः शिवाय…

 

गंगाधराय शिव गंगाधराय,

हर हर भोले नमः शिवाय…

ॐ नमः, शिवाय…

हर हर बोले नमः शिवाय…

 

जटाधराये शिव जटाधराये,

हर हर भोले नमः शिवाय…

ॐ नमः, शिवाय…

हर हर बोले नमः शिवाय…

 

सोमेश्वराय शिव सोमेश्वराय,

हर हर भोले नमः शिवाया…

ॐ नमः, शिवाय…

हर हर बोले नमः शिवाय…

 

विश्वेश्वराय शिव विश्वेश्वराय,

हर हर भोले नमः शिवाया…

ॐ नमः, शिवाय…

हर हर बोले नमः शिवाय…

भोले जी का सबसे मनमोहक भजन: सज रहे भोले बाबा

कोटेश्वराये शिव विश्वेश्वराय,

हर हर भोले नमः शिवाया…

ॐ नमः, शिवाय…

हर हर भोले नमः शिवाय…

शिव सुमिरन से सुबह शुरू (Shiv Sumiran Se Subah Shuru Ho)

शिव सुमिरन से सुबह शुरू हो,

शिव मंदिर में शाम हो,

शिव करुणा की छैया में,

शाम ढले विश्राम हो।।

सबसे सुन्दर भजन: डम डम डमरू बाजे

साँसों की में ताल पे मेरी,

भक्ति शिव शिव गाये,

शिव दीवानी रसना को कोई,

दूजा गीत ना भाए,

जबतक जीवन ज्योत जले,

मेरे होठो पे शिव नाम हो,

शिव सुमिरण से सुबह शुरू हो,

शिव मंदिर में शाम हो।।

 

नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय,

बोल के पलके खोलूं,

शिव सागर में स्नान करूँ में,

हृदय का दर्पण धोलू,

मोह माया से दूर रहू में,

श्रद्धा मेरी निष्काम हो,

शिव सुमिरण से सुबह शुरू हो,

शिव मंदिर में शाम हो।।

 

काल का भय ना हो मन में मेरा,

अंत समय जब आये,

शिव मूरत हो नैनो में शिव,

धाम ये आता जाये,

जहाँ मेरे शिव का डेरा है,

वही पे मेरा धाम हो,

शिव सुमिरण से सुबह शुरू हो,

शिव मंदिर में शाम हो।।

मन को मोह लेने वाला भजन: जय शम्भु जय जय शम्भू

शिव सुमिरन से सुबह शुरू हो,

शिव मंदिर में शाम हो,

शिव करुणा की छैया में,

 

शाम ढले विश्राम हो।।

हे शिव शंकर भोले बाबा (Hey Shiv Shankar Bhole Baba)

हे शिव शंकर भोले बाबा,

मैं तेरे गुण गाऊं,

ऐसा वर दे इन चरणों में,

ऐसा वर दे इन चरणों में,

सगरे जनम बिताऊं,

हे शिव शंकर भोलें बाबा,

मैं तेरे गुण गाऊं।।

हंसराज रघुवंशी का सबसे मनमोहक भजन: गौरी शंकर

सोऽहं कहके मैं जन्मी थी,

तूने शिवम बताया,

धन्य भया ये जीवन मेरा,

सारा भरम मिटाया,

किरपा कर तू कर दे मुझपे,

किरपा कर तू कर दे मुझपे,

भव सागर तर जाऊं,

हे शिव शंकर भोलें बाबा,

मैं तेरे गुण गाऊं।।

 

द्वंद्व द्वेष सब मिट गए मेरे,

द्वार पे आके तेरे,

जन्म जन्म की धुंध छटी है,

पाप कटे है मेरे,

कुछ ऐसा कर दे हे भोले,

कुछ ऐसा कर दे हे भोले,

परम शांति मैं पाऊं,

हे शिव शंकर भोलें बाबा,

मैं तेरे गुण गाऊं।।

 

सदा मांगती रही मैं तुझसे,

ऋणी रही मैं तेरी,

दयानिधि कल्याण करो अब,

सुन लो विनती मेरी,

मेरे सर पे ऋण है तेरा,

मेरे सर पे ऋण है तेरा,

कैसे उसे चुकाऊं,

हे शिव शंकर भोलें बाबा,

मैं तेरे गुण गाऊं।।

भोले बाबा से प्रार्थना: आया हूँ भोले मैं तेरे द्वार

हे शिव शंकर भोले बाबा,

मैं तेरे गुण गाऊं,

ऐसा वर दे इन चरणों में,

ऐसा वर दे इन चरणों में,

सगरे जनम बिताऊं,

हे शिव शंकर भोलें बाबा,

मैं तेरे गुण गाऊं।।

शंकर नमामि (Shankar Namami)

शंकर नमामि शंकर नमामि,

अंतर यामी और निष्कामी,

जय बाबा ओमकारी स्वामी,

शिव : नमस्काराथा मंत्र

मनर मदा की पावन धरा करती है अभिषेक तुम्हारा,

ॐ कार पर्वत पे धाम तेरा न्यारा,

हर हर भजामि शंकर नमामि,

और निष्कामी,

जय बाबा ओमकारी स्वामी,

 

देविक देविक भौतिक कितापा शरण तिहारी नाही दाता,

किरपा करो ओ तुम ओ भोले बाबा,

हर हर भजामि शंकर नमामि,

और निष्कामी,

जय बाबा ओमकारी स्वामी,

हंसराज रघुवंशी का सबसे मनमोहक भजन : पार्वती बोली शंकर से

शंकर नमामि शंकर नमामि,

अंतर यामी और निष्कामी,

जय बाबा ओमकारी स्वामी,

शिव तांडव स्तोत्रम् (Shiv Tandav Stotram)

॥ श्रीगणेशाय नमः ॥

 

जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले

गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम् ।

डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं

चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥१॥

कालभैरव अष्टकम

जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी

विलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्धनि ।

धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावके

किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ॥२॥

 

धराधरेन्द्रनंदिनीविलासबन्धुबन्धुर

स्फुरद्दिगन्तसन्ततिप्रमोदमानमानसे ।

कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदि

क्वचिद्दिगम्बरे(क्वचिच्चिदम्बरे) मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥३॥

 

जटाभुजङ्गपिङ्गलस्फुरत्फणामणिप्रभा

कदम्बकुङ्कुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे ।

मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरे

मनो विनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि ॥४॥

 

सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखर

प्रसूनधूलिधोरणी विधूसराङ्घ्रिपीठभूः ।

भुजङ्गराजमालया निबद्धजाटजूटक

श्रियै चिराय जायतां चकोरबन्धुशेखरः ॥५॥

 

ललाटचत्वरज्वलद्धनञ्जयस्फुलिङ्गभा

निपीतपञ्चसायकं नमन्निलिम्पनायकम् ।

सुधामयूखलेखया विराजमानशेखरं

महाकपालिसम्पदेशिरोजटालमस्तु नः ॥६॥

 

करालभालपट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वल

द्धनञ्जयाहुतीकृतप्रचण्डपञ्चसायके ।

धराधरेन्द्रनन्दिनीकुचाग्रचित्रपत्रक

प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम ॥७॥

 

नवीनमेघमण्डली निरुद्धदुर्धरस्फुरत्

कुहूनिशीथिनीतमः प्रबन्धबद्धकन्धरः ।

निलिम्पनिर्झरीधरस्तनोतु कृत्तिसिन्धुरः

कलानिधानबन्धुरः श्रियं जगद्धुरंधरः ॥८॥

जुबिन नौटियाल का मधुर भजन : मेरे भोले नाथ

 

प्रफुल्लनीलपङ्कजप्रपञ्चकालिमप्रभा

वलम्बिकण्ठकन्दलीरुचिप्रबद्धकन्धरम् ।

स्मरच्छिदं पुरच्छिदं भवच्छिदं मखच्छिदं

गजच्छिदांधकच्छिदं तमन्तकच्छिदं भजे ॥९॥

 

अगर्व सर्वमङ्गलाकलाकदम्बमञ्जरी

रसप्रवाहमाधुरी विजृम्भणामधुव्रतम् ।

स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकं

गजान्तकान्धकान्तकं तमन्तकान्तकं भजे ॥१०॥

 

जयत्वदभ्रविभ्रमभ्रमद्भुजङ्गमश्वस

द्विनिर्गमत्क्रमस्फुरत्करालभालहव्यवाट् ।

धिमिद्धिमिद्धिमिध्वनन्मृदङ्गतुङ्गमङ्गल

ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्डताण्डवः शिवः ॥११॥

 

दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजङ्गमौक्तिकस्रजोर्

गरिष्ठरत्नलोष्ठयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः ।

तृणारविन्दचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः

समं प्रव्रितिक: कदा सदाशिवं भजाम्यहम ॥१२॥

 

कदा निलिम्पनिर्झरीनिकुञ्जकोटरे वसन्

विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरः स्थमञ्जलिं वहन् ।

विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकः

शिवेति मंत्रमुच्चरन् कदा सुखी भवाम्यहम् ॥१३॥

 

निलिम्प नाथनागरी कदम्ब मौलमल्लिका-

निगुम्फनिर्भक्षरन्म धूष्णिकामनोहरः ।

तनोतु नो मनोमुदं विनोदिनींमहनिशं

परिश्रय परं पदं तदङ्गजत्विषां चयः ॥१४॥

 

प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणी

महाष्टसिद्धिकामिनी जनावहूत जल्पना ।

विमुक्त वाम लोचनो विवाहकालिकध्वनिः

शिवेति मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम् ॥१५॥

 

इमं हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवं

पठन्स्मरन्ब्रुवन्नरो विशुद्धिमेतिसंततम् ।

हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नान्यथा गतिं

विमोहनं हि देहिनां सुशङ्करस्य चिंतनम् ॥१६॥

लक्खा जी का सुपरहिट भजन: शिव शंकर डमरू वाले

पूजावसानसमये दशवक्त्रगीतं

यः शम्भुपूजनपरं पठति प्रदोषे ।

तस्य स्थिरां रथगजेन्द्रतुरङ्गयुक्तां

लक्ष्मीं सदैव सुमुखिं प्रददाति शम्भुः ॥१७॥

 

इति श्रीरावण कृतम्

शिव ताण्डव स्तोत्रम्सम्पूर्णम्

महादेव शंकर हैं जग से निराले (Mahadev Shankar Hain Jag Se Nirale)

महादेव शंकर हैं जग से निराले,

बड़े सीधे साधे बड़े भोले भाले ।

मेरे मन के मदिर में रहते हैं शिव जी,

यह मेरे नयन हैं उन्हीं के शिवालय ॥

भोले जी का सबसे मनमोहक भजन: सज रहे भोले बाबा

बनालो उन्हें अपने जीवन की आशा,

सदा दूर तुमसे रहेगी निराशा ।

बिना मांगे वरदान तुमको मिलेगा,

समझते हैं वो तो हरेक मन की भाषा ॥

वो उनके हैं जो उनको अपना बनाले..॥

महादेव शंकर हैं जग से निराले,

बड़े सीधे साधे बड़े भोले भाले ॥

 

जिधर देखो शिव की है महिमा निराली,

ये दाता है और सारी दुनिया सवाली ।

जो इस द्वार पे अपना विशवास कर ले,

तो पल भर में भर जायेगी झोली खाली ॥

उनही के अँधेरे, उनही के उजाले..॥

सबसे सुन्दर भजन: डम डम डमरू बाजे

महादेव शंकर हैं जग से निराले,

बड़े सीधे साधे बड़े भोले भाले ।

मेरे मन के मदिर में रहते हैं शिव जी,

यह मेरे नयन हैं उन्हीं के शिवालय ॥

Singer - Anuradha Paudwal

और भी देखे :-

अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।