भगत के वश में - Rakesh Kala


 भगत के वश में है भगवान
M:-    वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ।
    निर्विघ्नं कुरुमेदेव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
M:-    आज हमारा हिन्दुस्तान शूरवीरो की वीरता के लिए सतियो  के सत के लिए एवं देवी देवताओ के चमत्कारों के लिए पुरे विश्व में अग्रणी है ऐसा ही एक करिश्मा दिल्ली की रहने वाली एक महिला के साथ हुआ इस करिश्मे का एक एक शब्द सत्य है एवं शिक्षा प्रद है –
M:-    भगत के वश में है भगवान
    भगत के वश में है भगवान
कोरस :-     भगत के वश में है भगवान
     भगत के वश में है भगवान
M:-    भक्त बिना ये कुछ भी नहींहै
    भक्त    बिना    ये कुछ भी नही है
    भक्त    है इसकी    जान
    भगत के वश में है भगवान
     भगत के वश में है भगवान
कोरस :-     भगत     के वश में है भगवान
    भगत के वश में है भगवान
कोरस :-     अअअअअअअआआआ .......
M:-    भक्त मुरली वाले की रोज बृन्दावन डोले
    कृष्ण को लल्ला समझे, कृष्ण को लल्ला बोले
कोरस :-     कृष्ण को लल्ला समझे, कृष्ण को लल्ला बोले

M:-    श्याम के प्यार में पागल, हुई वो श्याम दीवानी
    अगर भजनो में लागे, छोड़ दे दाना पानी
कोरस :-     अगर भजनो में लागे, छोड़ दे दाना पानी
M:-    प्यार    करन वो लागी इससे प्यार करन वो लागी इससे
    अपने पुत्र समान
    भगत के वश में है भगवान
    भगत के वश में है भगवान
कोरस :-    भगत के वश में है भगवान
    भगत के वश में है भगवान
M:-         दिल्ली की रहने वाली थी दिल्ली में ही शादी हुई ससुराल आ गयी किन्तु वृन्दावन जाना नहीं छोड़ाबच्चे हो गए बच्चे बड़े होने के बाद बच्चो की भी शादी हो गयी परन्तु वृन्दावन जाना नहीं छोड़ा लेकिन जब बुढ़ापा आ गया चलने फिरने में असमर्थ हो गयी तो आखिरी बार वृन्दावन गयी और वहां से अपने लला की मूर्ति लायी-
M:-    वो अपने कृष्णा लला को गले से लगाकर रखे
    हमेशा सजाकर रखे की लाड लड़ाकर रखे
कोरस :-     हमेशा सजाकर रखे की लाड लड़ाकर रखे
M:-    वो दिन में भाग के देखे, की रात में जाग के देखे
    कभी अपने कमरे से, श्याम को झांक को देखे
कोरस :-     कभी अपने कमरे से, श्याम को झांक को देखे
M:-    अपनी जान से ज्यादा रखतीअपनी जान से ज्यादा रखती
    अपने लला का ध्यान
    भगत के वश में है भगवान
    भगत के वश में है भगवान
कोरस :-     भगत के वश में है भगवान
    भगत के वश में है भगवान

M:-जन्मष्टमी का दिन आया दुर्भाग्य से बुढ़िया माई की तबियत खराब हो गयी अपने बेटे बहु से बोली बेटा मेरे लला को दूध से स्नान करा दो माखन मिश्री का भोग लगा दो एवं चन्दन घिसकर चंदन का लेप लगादो और आज इसका जन्मदिन है इसके कपडे भी बदल दो एक साथ इतना सारा काम बेटे बहु को झंझट से लगने लगे किन्तु माँ की तबियत खराब देख के बेमन से काम में लग गए कपड़े बदलने के लिए ज्यो ही मूर्ति को उठाया अचानक मूर्ति हाथ से गिर गयी बगल के कमरे में माँ बैठी थी उसके कलेजे को धक्का सा लगा माँ का दिल जान गया कोई अनहोनी हुई है पूछने पर बेटे बहु ने बताया माँ कोई ख़ास बात नहीं है कपड़े बदलते समय मूर्ति हाथ से छूट गयी थी उठाकर वापिस रख दी है चिंता नहीं करना इतना सुनकर माँ का कलेजा  फट गया सन्न रह गयी बोली बेटा तू कहता है कोई ख़ास बात नहीं है मेरा छोटा सा लल्ला इतनी ऊपर से गिरा पता नहीं कहाँ कहाँ चोट आयी होगी पता नहीं मेरा लल्ला सही सलामत है या नहीं अपने बेटे बहु से बोली-

M:-    वो लल्ला लल्ला पुकारे हाय क्या जुल्म हुआ रे
    बुढ़ापा बिगड़ गया जी लाल मेरा कैसे गिरारे
कोरस :-      बुढ़ापा बिगड़ गया जी लाल मेरा कैसे गिरारे
M:-    जाओ डॉक्टर को लाओ लाल का हाल दिखाओ
    अगर इसको कुछ हो गया मुझे भी मार गिराओ
कोरस :-     अगर इसको कुछ हो गया मुझे भी मार गिराओ
M:-    रोते रोते पागल हो गई रोते रोते पागल हो गई
    घर वाले परेशान
    भगत के वश में है भगवान
    भगत के वश में है भगवान
कोरस :-     भगत के वश में है भगवान
    भगत के वश में है भगवान

M:-    माँ डाक्टर बुलाने के लिए जिद्द करने लगी बेटे बहु ने लाख समझाया पर माँ नहीं मानी बेटा जोर से बोला माँ तू पागल हो गई है एक मूर्ति के लिए डाक्टर बुला रही है पडोसी देखेंगे डाक्टर को और ये सारा किस्सा सुनेंगे तो हसेंगे और कहेंगे माँ तो पागल है ही बेटे बहु भी पागल है माँ के कहने में आकर मूर्ति के लिए डाक्टर बुलाया है बुढ़िया माई का रोना धोना सुनकर पडोसी इकट्ठे हो गए घर में बहस बाजी हो रही थी जब पड़ोसियों ने पूछा तो बेटे ने बताया क्या बताऊ भाई साहब मेरी माँ जरा सी पागल हो गयी है वृन्दावन गयी थी वहां से एक लड्डूगोपाल मूर्ति ले आयी कहती है ये मेरा सबसे छोटा लल्ला है आज सुबह जब मेने कपड़े बदलने के लिए मूर्ति को उठाया तो अचानक मूर्ति छूट गयी अब माँ कहती है डाक्टर को लेके आ आप ही बताइये भाई साहब समाज में हसी होगी और इस मूर्ति के लिए डाक्टर को लेने गया तो डाक्टर भी हसेगा पड़ोसियों में एक बूढा पडोसी बड़ा ही समझदार था उसने बेटे को समझाया देख बेटा बुढ़ापे में और बचपन में कोई फर्क नहीं होता तुम्हारी माँ के दिमाग में अगर वहां हो गया है तो वहम निकलना बहुत जरुरी है दिन भर के झगड़े से अच्छा है तू इसकी बात मान ले यही बगल में डाक्टर रहता है तू सारी बात डाक्टर को समझा और फीस वही पर दे दे तेरी माँ तेरी बात नहीं मानेगी परन्तु डाक्टर आकर समझायेगा तो उसकी बात मान जाएगी घर का झगड़ा भी खत्म हो तेरी माँ का वहम भी बेटे को बात समझमे आती है डाक्टर के पास गया फीस पहले ही दे दी और वो सारी बात डॉक्टर को बतायी जो पड़ोसियों को बतायी थी डाक्टर को बात समझ में आ गयी फीस पहले ही मिल गयी डाक्टर तुरंत तैयार हो गया डाक्टर घर पर आया और उस मूर्ति को दूर से ही देखकर बोला छुआ भी नहीं -
M:-    बना पीतल से मैया ये तेरा श्याम सलौना 
    बड़ा बेजान है ये जैसे मिट्टी का खिलौना 
कोरस:-     बड़ा बेजान है ये जैसे मिट्टी का खिलौना 
M:-    सारी दुनिया में ढूंढो वहम की दवा नहीं है 
    चोट पीतल को आये ऐसा तो हुआ नहीं है 
कोरस :-     चोट पीतल को आये ऐसा तो हुआ नहीं है 
M:-    केवल तेरी ममता है ये केवल तेरी ममता है ये 
    मूर्ति है बेजान 
    भगत के वश में है भगवान् 
    भगत के वश में है भगवान् 
कोरस :-     भगत के वश में है भगवान् 
    भगत के वश में है भगवान् 
M:-    डाक्टर की बात सुनकर बुढ़िया माई ने कहा डाक्टर क्या उमर होगी तेरी डाक्टर सुनकर हक्का बक्का हो गया बोला मई 65  साल माई बोली डाक्टर तूने जिंदगी के 65 साल बर्बाद कर दिए तूने इतना भी नहीं सीखा की मरीज को देखे बिना रोग पकड़ में नहीं आता तूने मेरे लल्ला को दूर से ही देखकर कह दिया की ये पीतल की मूर्ति है कम से कम चेकिंग तो करता डाक्टर को अपनी गलती का अहसास भी हुआ और थोड़ा गुस्सा भी आया उसने कहा ले माई तेरा बहम निकाल देता हु उसने मूर्ति के माथे पर हाथ रखा और कहा बोल माई क्या है कुछ नहीं है उसने मूर्ति के सीने पर हाथ रखा कहा बोल माई क्या है कुछ नहीं है उसने मूर्ति की नब्ज पकड़ी और बोला बोल माई क्या है कुछ नहीं है तब बुढ़िया माई बोली प्यार से डाक्टर मेरा लल्ला अभी बहुत छोटा है और तू बूढ़ा हो गया है हो सकता है मेरे बेटे की नब्ज धीरे चल रही हो सीना धीरे से धड़कता हो तू हाथ से पकड़ नहीं पा रहा हो माँ की ममता है नहीं मानती तू मेरा बहम निकलने के लिए एक काम कर दे अपनी बक्सा में एक मशीन रखता है बुढ़िया माई को स्टेथेस्कोप का नाम नहीं मालूम था वो मशीन धीरे से धड़कने वाली धड़कन भी पकड़ लेती है एक बार उस मशीन से चेकिंग कर दे मेरा बहम निकल जायेगा डाक्टर ने फीस ली थी उसका फर्ज बनता था की जैसे घरवाले बोले उनकी बात माने चेकिंग तो करनी पड़ेगी डाक्टर ने बेमन से स्टेथेस्कोप निकाला अपने दोनों कान में लगाकर  गोल वाला चक्क्र मूर्ति के सीने पे रख दिया आगे क्या हुआ सुनिए -
M:-    जोहि सीने से लगाया और डॉक्टर चकराया
    उसने कई बार लगाया पसीना जम कर आया
कोरस :-     उसने कई बार लगाया पसीना जम कर आया
M:-    देख ये अदभुत माया रह गया हक्का बक्का 
    पसीना लगा पोछने छूट गया उसका छक्का
कोरस :-     पसीना लगा पोछने छूट गया उसका छक्का
M:-    धड़क रहा सीना लल्ला का, धड़क रहा सीना लल्ला का,
    मूर्ति में थे प्राण
    भगत के वश में है भगवान् 
    भगत के वश में है भगवान् 
कोरस :-     भगत के वश में है भगवान् 
    भगत के वश में है भगवान् 
M:-    मूर्ति का सीना धड़क रहा था डाक्टर के होश उड़ गए हाथ कांप रहे थे मन में सोच रहा था अभी तक तो बुढ़िया माई का वहम था कई मुझे तो बहम नहीं उसने सेकड़ो बार चेकिंग की धड़कन चल रही थी डाक्टर ने स्टेथेस्कोप अपने कान से निकाला और पसीने से लथपत जमीं पर बैठ गया बुढ़िया माई ने पूछा डाक्टर कुछ समझ में आया मेरे लल्ला को क्या हुआ अब तो ठीक है डाक्टर ने बड़ी हिम्मत बटोर कर कहा मैया मैं डॉक्टर हु नब्ज देखकर सारी बीमारी देख लेता हु मैया मुझे सारा मझरा समझ में आ गया है जो कन्हैया के दिल की धड़कन सुन ले उसकी आत्मा में तो ज्ञान हो ही जाता है डाक्टर को भी ज्ञान हो गया था माँ तू ये मत सोचना की मूर्ति तेरे बेटे बहु के हाथ से गिर गयी बेटे बहु को दोष मत देना उन्हें नहीं डाटना माँ तेरा लल्ला कैसे गिरा ये डाक्टर जान गया है मेरी बक्सा में ऐसी कोई दवाई नहीं जो तेरे लल्ला के लिए बनी हो डाक्टर को आत्मा में ज्ञान होने से उसने बड़ी भक्तिपूर्ण और भावनापूर्ण बात माँ को बतायी है की माँ इसकी एक ही दवाई है जो किसी डॉक्टर के पास नहीं माँ वो सिर्फ तेरे पास है -
M:-    माँ से मिलने की खातिर ये  लल्ला मचल गया था 
    तुम्हारी गोद में आने ये लल्ला उछल गया था 
कोरस :-     तुम्हारी गोद में आने जरा सा उछल गया था 
M:-    तू इसको गोद में ले ले लाल मुस्काने लगेगा 
    गोद में खुद भी नाचे तुम्हे भी नचाने लगेगा 
कोरस :-     गोद में खुद भी नाचे तुम्हे भी नचाने लगेगा 
M:-    कस के पकड़ियो लल्ला मेरा कस के पकड़ियो लल्ला मेरा
    थोड़ा सा शैतान 
    भगत के वश में है भगवान् 
    भगत के वश में है भगवान् 
कोरस :-     भगत के वश में है भगवान् 
    भगत के वश में है भगवान् 
M:-    डाक्टर इतना कहकर उठा ब्रीफकेस वही छोड़ी स्टेथेस्कोप वही पड़ा रहा जो फीस पहले से ही लेकर जेब में डाली थी निकल  कर गद्दे पर पटक दी और जाने लगा बुढ़िया माई बोली डॉक्टर अपना सारा सामान छोड़कर कहा जा रहा है कम से कम अपनी बक्सा तो लेते जा डाक्टर पलटकर बोला अब इस समान की मुझको जरुरत नहीं पड़ेगी अब ये मेरे लिए बेकार है और डाक्टर आंख में आँसू भरकर बोला 
M:-    देख तेरे लाल की माया बड़ा घबरा रहा हूँ
    जहाँ से तू लल्ला लाई वही पे जा रहा हूँ
कोरस :-     जहाँ से तू लल्ला लाई वही पे जा रहा हूँ
M:-    बुला कर तुमने मुझको बड़ा एहसान किया है
    आज से सारा जीवन उसी के नाम किया है
कोरस :-     आज से सारा जीवन उसी के नाम किया है
M:-    एक एहसान कर दे तेरे लल्ला से कह दे 
    वही वृन्दावन में माँ ये डाक्टर प्राण दे दे 
कोरस :-     वही वृन्दावन में माँ ये डाक्टर प्राण दे दे 
M:-    बनवारी  माँ तू नहीं पागल बनवारी  माँ तू नहीं पागल 
    पागल सारा जहाँ
    भगत के वश में है भगवान् 
    भगत के वश में है भगवान् 
कोरस :-     भगत के वश में है भगवान् 
    भगत के वश में है भगवान् 
M:-    और इस करिश्मे को सुनकर इस सच्चाई को स्वीकार करना पड़ेगा की 
M:-    माँ की ममता के आगे देखो भगवान हारे 
    एक पत्थर की मूर्ति देखो किलकारी मारे 
कोरस :-     एक पत्थर की मूर्ति देखो किलकारी मारे 
M:-    भावना होगी सच्ची जो दिल में प्यार होगा 
    हमेशा इस धरती पे यु चमत्कार होगा 
कोरस :-     हमेशा इस धरती पे यु चमत्कार होगा 
M:-    मैया तुमको तेरे लल्ला को मैया तुमको तेरे लल्ला को 
    कोटि कोटि प्रणाम 
    भगत के वश में है भगवान् 
    भगत के वश में है भगवान 
    भक्त बिना ये कुछ भी नहीं है
    भक्त बिना ये कुछ भी नहीं है
    भक्त है इसकी जान
    भगत के वश में है भगवान
    भगत के वश में है भगवान
कोरस :-     भगत के वश में है भगवान
    भगत के वश में है भगवान
    भगत के वश में है भगवान
    भगत के वश में है भगवान
    भगत के वश में है भगवान
 

Singer - Rakesh Kala