चली मेरी मात भवानी रे - कुमारी सेतु भोजक


चली मेरी मात भवानी रे,
माई सुनी लगे नगरीया,
चली मेरी मात भवानी रें,
माई सुनी लगे नगरीया।।

तर्ज – बता मेरे यार सुदामा रे।

नौ दिन आई करन मेहमानी,
घर घर जगदम्बा महारानी,
नैनन बरसे पानी रे,
माई सुनी लगे नगरीया,
चली मेरी मात भवानी रें,
माई सुनी लगे नगरीया।।

बात कहूं क्या अपने दिल की,
आज रुके ना रोके हिलकी,
ये गलियां लगे वीरानी रे,
माई सुनी लगे नगरीया,
चली मेरी मात भवानी रें,
माई सुनी लगे नगरीया।।

अपने रथ से उतर तुम आओ,
मैया कुछ दिन और रुक जाओ,
मगर मेरी बात ना मानी रे,
माई सुनी लगे नगरीया,
चली मेरी मात भवानी रें,
माई सुनी लगे नगरीया।।

अखियां भगतन की भर आई,
माई तोरी कैसे करूँ विदाई,
कहे ‘बेनाम’ कहानी रे,
माई सुनी लगे नगरीया,
चली मेरी मात भवानी रें,
माई सुनी लगे नगरीया।।

चली मेरी मात भवानी रे,
माई सुनी लगे नगरीया,
चली मेरी मात भवानी रें,
माई सुनी लगे नगरीया।।

Singer - कुमारी सेतु भोजक