दो दर्शन प्रभु - Avinash Karn


कमल नदन भव, सिंधु निवासी -२
दो दर्शन प्रभु,अखियाँ प्यासी -२
1
नाभी पर कमल विराजे,कमल के ऊपर ब्रम्हा साजे -२ 
चरनन बैठी लक्ष्मी शेष की सैया हे चक्र धारी,
हे मृदु भाषी दो दर्शन प्रभु अखियाँ प्यासी 
2
रूप अश्क स्वरूप पुनिता,कोमल अधर बदन नवनीता -२
कोश विशेष स्थाह घुंघराले,मोहक चितवन नैना वाले 
जैसे चंद्र की पुराण माशी,दो दर्शन प्रभु अंखिया प्यासी 
3
गोल कपोत अति सुन्दर, शीतल सुन्दर हो मधुर मनोहर 
शोक चक्र गया पदम् की धरी,विनय सुनी के लीला धारी
एक झलक के हम अभिलाषी,दो दर्शन है प्रभु अंखिया प्यासी
 

Singer - Avinash Karn