दुख भंजन दुख हारी जय - Tara Devi


F:-  दुख भंजन दुख हारी जय जय भक्तों के हितकारी जय जय करले हलाहल पीने वाले
कोरस:-  आशुतोष तुम्हारी जय जय
F:-  विषधर की पहनी है माला मस्तक पर त्रिपुंड निराला जटा शीश पर गंगा धारा
कोरस:-  तन पर धारी है मृग छाला

F:-  सदा ध्यान में मगन रहे जो शिव की मूरत प्यारी जय जय करले हलाहल पीने वाले
कोरस:-  आशुतोष तुम्हारी जय जय
F:-  चंद्र शीश पर लाने वाले, शरणागत अपनाने वाले, तारत यह देवों के संकट
कोरस:-  सागर मंथन कराने वाले

F:-  ग्यारह रुद्र अवतार लिए प्रभु मंगल तांडव कारी जय जय करले हलाहल पीने वाले
कोरस:- आशुतोष तुम्हारी जय जय
F:-  ब्रह्मा जी को ज्ञान सिखाया नीति भीती विष्णु को बताया देवों के ही बंद युद्ध में
कोरस:- ज्योतिर्लिंग को प्रकट कराया

F:-  कामदेव को भस्म किया है महा मृत भयवारी जय जय करले हलाहल पीने वाले
कोरस:- आशुतोष तुम्हारी जय जय
F:-  नंदी संग कैलाश विराजे डम डम डम डम डमरू बाजे दर्प दक्ष का चूर किया है
कोरस:- तीन लोक में ही डंका बाजे
F:-  भक्तों को वर देने वाले रक्तम के मनोहारी जय जय करले हलाहल पीने वाले
कोरस:- आशुतोष तुम्हारी जय जय -3
 

Singer - Tara Devi