हनुमान तुम्हारा क्या कहना - Vishwajeet Lakkha


स्थाई:-     सीता का पता लगाया ,  सागर पर पुल बनवाया-2
                हनुमान तुम्हारा क्या कहना -
अंतरा:-     जम्बू  माली को मार दिया , फल खाकर बाग उजाड़ दिया 
                जब मेघनाथ ले गया पकड़ , रावण की निकली सभी अकड़ 

तोड़:-       लंका को राख बनाया , दुष्टो का नाम मिटाया
               हनुमान तुम्हारा क्या कहना-2

अंतरा:-    जब लखन के बाण लगा उर में , गए बूटी लेने पल भर में 
              पहचान हुई ना बूटी की , तो स्तुति करके रघुवर की 

 तोड़:-    द्रोणागिरी जड़ से उठाया , मरने से लखन बचाया
                 हनुमान तुम्हारा क्या कहना -2

अंतरा:-   जब राम लखन को चोरी कर , अहिरावण ले गया अपने घर
             तो तुमने जा पातालपुरी , एकले ने सब से जंग लड़ी

 तोड़:-    दुष्टों का करा सफाया , श्री राम का ध्वज फहराया
             हनुमान तुम्हारा क्या कहना -2

  अंतरा:- कहे राज अनाड़ी बात खरी , थी अवधपुरी की सभा जोड़ी 
             ताना मारा विभीषण ने , क्या राम है तेरे तन मन में

 तोड़:-   तो सीना फाड़ दिखाया , श्री राम का दर्शन दिखाया 
            हनुमान तुम्हारा क्या कहना -2

Singer - Vishwajeet Lakkha