जानिए भगवान गणेश के 32 रूप और उनका अर्थ (Jaaniye bhagwan ganesh ke 32 roop aur unke arth) - Traditional


श्री बाल गणपति: गणपति जी इस रूप में उनके छ: भुजाओं और लाल रंग का शरीर होता है। इसलिए इनको सभी लोग बल गणपति कहते है।

 

श्री तरुण गणपति: गणेश जी के इस रूप में गणपति जी की आठ भुजाएं और रक्तवर्ण शरीर होता है। इसलिए इस रूप को तरुण गणपति कहते है।

 

श्री भक्त गणपति: गणेश जी के इस रूप में उनके पास चार भुजा होती है| सफ़ेद रंग के शरीर वाले गणेश जी को भक्त गणपति के नाम से जाना जाता है।

 

श्री वीर गणपति: दस भुजाओं और रक्तवर्ण शरीर वाले गणेश जी, वीर गणपति जी के नाम से भी जाने जाते है।

 

श्री शक्ति गणपति: चार भुजाओं वाले एवं सिंदूरी रंग के शरीर वाले गणेश जी को शक्ति गणेश कहते है।

 

श्री द्विज गणपति: चार भुजाधारी और शुभ्रवर्ण शरीर वाले गणेश जी को द्विज गणपति के नाम से जानते है।

 

श्री सिद्धि गणपति: छ: भुजाधारी और पिंगल वर्ण वाले शरीर को सिद्धि गणपति नाम से जाना जाता है।

 

श्री विघ्न गणपति: दस भुजाधारी और सुनहरी शरीर वाले को भगवान विघ्न हारत के नाम से जानते है।

 

श्री उच्चिष्ठ गणपति: चार भुजाधारी और नीले रंग के शरीर वाले गणेश जी को उच्चिष्ठ गणपति के नाम से जानते है।

 

श्री हेरम्ब गणपति: आठ भुजाधारी और गौर वर्ण शरीर वाले गणेश जी हेरम्ब गणपति जी के नाम से जाने जाते है।

 

श्री उद्ध गणपति: छ: भुजाधारी और सोने के रंग का शरीर, इन गणपति जी को उद्ध गणपति जी के नाम से जानते है।

 

श्री क्षिप्र गणपति: छ: भुजाधारी और रक्तवर्ण शरीर वाले गणेश जी को क्षिप्र गणपति कहते है।

 

श्री लक्ष्मी गणपति: आठ भुजाधारी और गौर वर्ण शरीर वाले गणेश जी को लक्ष्मी गणपति कहते है।

 

श्री विजय गणपति: चार भुजाधारी और रक्त वर्ण रूप वाले गणेश को विजय गणपति के नाम से जानते है।

 

श्रीमहागणपति: आठ भुजाधारी और रक्त वर्ण रूप वाले गणेश जी को महागणपति कहते है।

 

श्री नृत्य गणपति: छ: भुजाधारी और रक्त वर्ण शरीर वाले को नृत्य गणपति के नाम से जानते है।

 

श्री एकाक्षर गणपति: चार भुजाधारी और रक्तवर्ण रूप को रखने वाले को भगवान एकाक्षर गणपति के नाम से जाने जाते है।

 

श्री हरिद्रा गणपति: छ: भुजाधारी और पीले रंग का शरीर जिनका, उनको हरिद्रा गणपति कहते है।

 

श्री त्र्यैक्ष गणपति: सुनहरे शरीर, तीन नेत्रों वाले और जिनके चार भुजाधारी है। उनको भगवान त्र्यैक्ष गणपति कहते है।

 

श्री वर गणपति: छ: भुजाधारी और रक्तवर्ण शरीर धारण वाले को भगवान वर गणपति बोला जाता है।

 

श्री ढुण्डि गणपति: चार भुजाधारी और रक्तवर्णी शरीर वाले, ढुण्डि गणपति जी के नाम से जाने जाते है।

 

श्री क्षिप्र प्रसाद गणपति: छ: भुजाधारी, रक्ववर्णी और त्रिनेत्र धारी को भगवान क्षिप्र प्रसाद गणपति कहा जाता है।

 

श्री ऋण मोचन गणपति: चार भुजाधारी और जिन्होंने लालवस्त्र को धारण कर रखा है। उन गणेश जी को ऋण मोचन गणपति के नाम से जानते है।

 

श्री एकदन्त गणपति: छ: भुजाधारी और श्याम वर्ण शरीरधारी वाले को एकदन्त गणपति कहते है।

 

श्री सृष्टि गणपति: चार भुजाधारी, मूषक पर सवार और रक्तवर्णी शरीर को धारण करने वाले भगवान को सृष्टि गणपति कहा जाता है।

 

श्री द्विमुख गणपति: पीले वर्ण के चार भुजाधारी और दो मुख वाले गणपति जी को द्विमुख गणपति के नाम से जानते है।

 

श्री उद्दण्ड गणपति: बारह भुजाधारी, रक्तवर्णी शरीर वाले, हाथ में कुमुदनी और अमृत का पात्र जिनके हाथों में होता है। उन गणेश जी को उद्दण्ड गणपति जी के नाम से जाने जाते है।

 

श्री दुर्गा गणपति: आठ भुजाधारी रक्तवर्णी और लाल वस्त्र को धारण किए हुए को दुर्गा गणपति के नाम से जानते है।

 

श्री त्रिमुख गणपति: तीन मुख वाले, छ: भुजाधारी और रक्तवर्ण शरीर को धारण करने वाले को भगवान त्रिमुख गणपति कहा गया है।

 

श्री योग गणपति: योगमुद्रा में विराजित, नीले वस्त्र को पहने हुए और चार भुजाधारी वाले को भगवान योग गणपति कहते है।

 

श्री सिंह गणपति: श्वेत वर्णी आठ भुजाधारी, सिंह के मुख के समान और हाथी की सूंड वाले को सिंह गणपति कहते है।

 

श्री संकष्ट हरण गणपति: चार भुजाधारी, रक्तवर्णी शरीर और हीरा जडि़त मुकुट को पहने हुए गणेश को को संकष्ट हरण गणपति कहा जाता है|

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