जय सिया राम जय जय सिया राम - संजय शुक्ला


कोश्यल नन्द राजा राम जानकी भलव सीता राम
जय सिया राम जय जय सिया राम

ऐसे राम दर्श रस बरसे जैसे सावन की घडी
सावन की घडी प्यासे प्राणों पे पड़ी
सीता राम दर्श रस बरसे जैसे सावन की घडी ,

रोम रोम को नैन बना लो राम सिया के दर्शन पा लो
भ्र्सो पीछे आई है ये मिल्न की घडी
सीता राम दर्श रस बरसे जैसे सावन की घड़ी

राम लखन अनमोल नगीने अवध अंगूठी में जड लीले
सीता एसी सोही जैसे मोती की लड़ी,
सीता राम दर्श रस बरसे जैसे सावन की घड़ी

Singer - संजय शुक्ला