तेरी चौखट पे ओ बाबा,
जिंदगी सजने लगी,
जिंदगी सजने लगी मेरी,
जिंदगी सजने लगी,
तेरी चौंखट पे ओ बाबा,
जिंदगी सजने लगी।।
तर्ज – सांवली सूरत पे मोहन।
जो भी तेरे दर पे आया,
कुछ ना कुछ ले के गया,
होले होले ही सही मेरी,
जिंदगी सजने लगी,
तेरी चौंखट पे ओ बाबा,
जिंदगी सजने लगी।।
ढूंढ आया सारे जग में,
देव तुमसा ना मिला,
तेरा दरवाजा खुला और,
जिंदगी सजने लगी,
तेरी चौंखट पे ओ बाबा,
जिंदगी सजने लगी।।
तू ही मूरत तू ही तीरथ,
तू ही सब कुछ है मेरा,
हाथ जो तुमने ये थामा,
जिंदगी सजने लगी,
तेरी चौंखट पे ओ बाबा,
जिंदगी सजने लगी।।
तेरी नजरे ओ बालाजी,
‘पंकज’ पे रखना सदा,
छोटी सी ख्वाहिश ‘अमित’ की,
जिंदगी सजने लगी,
तेरी चौंखट पे ओ बाबा,
जिंदगी सजने लगी।।
तेरी चौखट पे ओ बाबा,
जिंदगी सजने लगी,
जिंदगी सजने लगी मेरी,
जिंदगी सजने लगी,
तेरी चौंखट पे ओ बाबा,
जिंदगी सजने लगी।।
Singer - अमित चांडक