कैसे हुई शिवलिंग की उत्पत्ति (Kaise Hui Shivling Ki Utpatti) - The Lekh


कैसे हुई शिवलिंग की उत्पत्ति

Shivling is not just a Hindu concept? Romans also worshipped Lord Shiva's  symbol! | Trending News – India TV

कहा जाता है कि एक बार भगवान विष्णु और ब्रह्मा में इस बात को लेकर विवाद हो गया कि उनमें सबसे श्रेष्ठ कौन है। इसी विवाद को सुलझाने के लिए भगवान शिव ने एक दिव्य लिंग (दिव्य ज्योति) को प्रकट किया। इस लिंग के आदि और अंत को तलाश करते हुए विष्णु भगवान और ब्रह्मा जी को शिव के परब्रह्म रूप का ज्ञान हुआ और दोनों ने समझ लिया कि भगवान शिव का यह लिंग ही सर्वश्रेष्ठ है। इसके बाद से ही शिवलिंग की पूजा आरंभ हुई।

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यही वजह है कि आज भी भारत सहित दुनियाभर के कई देशों में शिवलिंग की विधिवत पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस लिंग में ही पूरी सृष्टि समाहित है। यहां तक कि भगवान विष्णु और ब्रह्मा के साथ महेश यानी भगवान शंकर का भी स्थान इसमें है। यही वजह है कि कहा जाता है कि अगर आप एक बार किसी शिवलिंग की विधिवत पूजा कर लें तो आपका मोक्ष हो जाता है।

How Shivling originated

It is said that once there was a dispute between Lord Vishnu and Brahma about who is the best among them. To resolve this dispute, Lord Shiva manifested a divine linga (divine light). While searching for the beginning and end of this linga, Lord Vishnu and Brahma ji got the knowledge of Shiva's Parabrahma form and both understood that this linga of Lord Shiva is the best. The worship of Shivling started only after this.

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This is the reason why even today Shivling is duly worshiped in many countries around the world including India. It is believed that the whole universe is contained in this linga. Even Mahesh i.e. Lord Shankar has a place in it along with Lord Vishnu and Brahma. This is the reason why it is said that once you worship a Shivling duly, you attain salvation.

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Singer - The Lekh