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कैसे करें कलश स्थापना जाने सही विधि और सामग्री के विषय में (Kaise Karen Kalash Sthapna Jaane Sahi Vidhi Aur Samagri Ke Vishay Me) - The Lekh
GaanaGao12 month ago 175इस साल शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर, रविवार से शुरू होने जा रहे हैं. नवरात्रि की अष्टमी 22 अक्टूबर को और नवमी 23 अक्टूबर को मनाई जाएगी. इस नौ दिन के उत्सव का समापन 24 अक्टूबर यानी दशहरे के दिन होगा. शारदीय नवरात्रि सबसे बड़ी नवरात्रि में से मानी जाती है. शारदीय नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है आइये जानते है इसकी विधि और सामग्री के विषय में इस लेख के माध्यम से.
घटस्थापना का अभिजीत मुहूर्त (Abhijeet Muhurat of Ghatasthapana)
सुबह 11:48 मिनट से दोपहर 12:36 मिनट तक
घटस्थापना या कलशस्थापना के लिए आवश्यक सामग्री (Materials required for Ghatasthapana or Kalashsthapana)
सप्त धान्य (7 तरह के अनाज), मिट्टी का एक बर्तन, मिट्टी, कलश, गंगाजल (उपलब्ध न हो तो सादा जल), पत्ते (आम या अशोक के), सुपारी, जटा वाला नारियल, अक्षत, लाल वस्त्र, पुष्प
शारदीय नवरात्रि में घटस्थापना की विधि (Method of Ghatasthapana in Shardiya Navratri)
नवरात्रि के पहले दिन व्रती द्वारा व्रत का संकल्प लिया जाता है. इस दिन लोग अपने सामर्थ्य अनुसार 2, 3 या पूरे 9 दिन का उपवास रखने का संकल्प लेते हैं. संकल्प लेने के बाद मिट्टी की वेदी में जौ बोया जाता है और इस वेदी को कलश पर स्थापित किया जाता है. हिन्दू धर्म में किसी भी मांगलिक काम से पहले भगवान गणेश की पूजा का विधान बताया गया है और कलश को भगवान गणेश का रूप माना जाता है इसलिए इस परंपरा का निर्वाह किया जाता है. कलश को गंगाजल से साफ की गई जगह पर रख दें. इसके बाद देवी-देवताओं का आवाहन करें. कलश में सात तरह के अनाज, कुछ सिक्के और मिट्टी भी रखकर कलश को पांच तरह के पत्तों से सजा लें. इस कलश पर कुल देवी की तस्वीर स्थापित करें. दुर्गा सप्तशती का पाठ करें इस दौरान अखंड ज्योति अवश्य प्रज्वलित करें. अंत में देवी मां की आरती करें और प्रसाद को सभी लोगों में बाट दें.
Singer - The Lekh
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