कालाराम मंदिर नाशिक
कालाराम मंदिर का इतिहास
कालाराम मंदिर नाशिक के इतिहास से पता चलता हैं कि इस मंदिर का निर्माण पेशवा के सरदार रंगराव ओढ़ेकर द्वारा सन 1782 में किया गया था। मंदिर का निर्माण नागर शैली किया गया था। माना जाता है कि कालाराम मंदिर का निर्माण पर्णकुटी के स्थान पर किया गया था जोकि पहले नाथपंथी साधुओं का निवास स्थान हुआ करता था। बता दें कि साधुओं को एक दिन भगवान राम की मूर्ती अरुणा वरुणा नदी के तट प्राप्त हुई और उन्होंने लकड़ियों का मंदिर बना कर भगवान राम की मूर्ती की स्थापना कर दी। पेशवाओं के शासनकाल में मातो श्री गोपिकाबाई के आदेशानुसार इस मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया गया। माना जाता हैं कि मंदिर के निर्माण में उस समय लगभग 23 लाख का खर्चा हुआ था।
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कालाराम मंदिर नाशिक की संरचना
कालाराम मंदिर की संरचना देखते ही बनती हैं। मंदिर अपने चारो ओर से चार दीवारी से घिरा हुआ है। बता दें कि मंदिर की संरचना में 96 खंभे स्थित हैं। धनुषाकार द्वारा के माध्यम से पूर्व दिशा से मंदिर के अन्दर प्रवेश किया जाता है। इससे आगे बढ़ने पर हम देखते हैं कि मंदिर के बरामदे को मेहराबों और खंभों से खूबसूरत ढंग से सजाया गया है। कालाराम मंदिर की लम्बाई 74 मीटर, चौड़ाई 32 मीटर और कालश तक की ऊँचाई 69 फीट है। मंदिर की संरचना से रूबरू होने के बाद प्रतीत होता हैं कि कालाराम मंदिर की संरचना त्र्यंबकेश्वर मंदिर से मेल खाती हैं। कालाराम मंदिर के शिखर पर सोने की परत चढाई गई हैं और मंदिर के चारो ओर भगवान विठ्ठल और भगवान गणेश को समर्पित मंदिरों के दर्शन भी किए जा सकते हैं।
नाशिक के कालाराम मंदिर में मनाये जाने वाले प्रमुख त्यौहार
कालाराम मंदिर में त्यौहार और उत्सवों को बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। कालाराम मंदिर के प्रमुख त्योहारों में रामनवमी, दशहरा और चैत्र पड़वा आदि शामिल हैं।
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कालाराम मंदिर सत्याग्रह
कालाराम मंदिर सत्याग्रह आन्दोलन में इस मंदिर की भूमिका को नकारा नही जा सकता हैं। क्योंकि 2 मार्च 1930 को डॉ भीम राव आंबेडकर की अगुवाई में दलित आन्दोलन (कालाराम मंदिर सत्याग्रह आन्दोलन) किया गया था। इस आंदोलन को निकालने की वजह दलितों को मंदिरों में प्रवेश देने की मांग थी। काला राम सत्यगृह आन्दोलन को मंदिर प्रवेश आंदोलन के रूप में जाना जाता हैं।
कालाराम मंदिर में आरती का समय
कालाराम मंदिर में आरती प्रात 6 बजे और रात्रि के 8 बजे होती हैं।
काला राम मंदिर का प्रवेश शुल्क
काला राम मंदिर में आने वाले भक्तो से किसी तरह का कोई प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता हैं। यह मंदिर अपने भक्तो के लिए बिल्कुल फ्री हैं।
नाशिक से कालाराम मंदिर की दूरी
नाशिक से कालाराम मंदिर की दूरी लगभग 3 किलोमीटर हैं।
त्र्यम्बकेश्वर से काला राम मंदिर की दूरी
त्र्यम्बकेश्वर से काला राम मंदिर की दूरी लगभग 30 किलोमीटर हैं।
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कालाराम मंदिर के दर्शन पर जाने के लिए सबसे अच्छा समय
कालाराम मंदिर नाशिक में स्थित हैं और पर्यटक यहाँ का दौरा साल में किसी भी समय कर सकते हैं। हालाकि राम नवमी, दशहरा जैसे त्योहारों पर भक्त काला मंदिर की यात्रा करना पसंद करते हैं। नाशिक शहर जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के दौरान का माना जाता हैं। तो आप इस समय का चुनाव भी कर सकते हैं हालाकि मंदिर भक्तो के लिए सुबह, दोपहर और शाम के वक्त प्रति दिन खुला रहता हैं। कालाराम मंदिर में भगवान के दर्शन करने और घूमने के लिए एक घंटा पर्याप्त होता है।
कालाराम मंदिर के पास में कहां रुके
कालाराम मंदिर में भगवान श्री रामचन्द्र जी के दर्शन करने के बाद यदि आप यहाँ किसी अच्छे निवास स्थान की तलाश कर रहे हैं। तो हम आपको बता दें कि नाशिक में आपको लो-बजट से लेकर हाई-बजट तक होटल मिल जाएंगे जोकि कालाराम मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर के अन्दर ही स्थित हैं। आप अपनी सुविधा और बजट के अनुसार होटल का चुनाव कर सकते हैं।
कालाराम मंदिर का प्रसिद्ध स्थानीय भोजन
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कालाराम मंदिर तीर्थ स्थल की यात्रा के दौरान आप नाशिक का प्रसिद्ध भोजन चखना न भूले। नाशिक के स्थानीय व्यंजनों में आपको कई तरह के शाकाहारी भोजन मिल जाएंगे। यहाँ का सबसे प्रसिद्ध व्यंजन मोदक है जिसे नारियल और गुड़ के मिश्रण से बनाया जाता है। इसके अलावा आपको यहाँ के प्रसिद्ध रेस्तरां में वड़ा पाव, साबुदाना वड़ा, बिरयानी, मोमोज और थुक्पा भी चखने को मिलेंगे है।
कालाराम मंदिर नाशिक कैसे जाए
कालाराम मंदिर की यात्रा के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
फ्लाइट से कालाराम मंदिर कैसे पहुचे
कालाराम मंदिर की यात्रा के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया है। तो हम आपको बता दे कि कालाराम मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर नाशिक शहर है जोकि हवाई मार्ग के माध्यम से देश के प्रमुख हवाई अड्डो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। आप नाशिक के ओजार हवाई अड्डा का चुनाव अपनी यात्रा के लिए कर सकते है। ओजार हवाई अड्डे से टैक्सी या यहाँ के स्थानीय साधन की मदद से कालाराम मंदिर आसानी से जायंगे।
ट्रेन से कालाराम मंदिर कैसे जाये
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कालाराम मंदिर की यात्रा के लिए यदि आपने रेल मार्ग का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि नाशिक शहर रेल कनेक्टिविटी के माध्यम से देश के प्रमुख महानगरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। आप नाशिक रेलवे स्टेशन से यहाँ चलने वाले साधनों कि मदद से कालाराम मंदिर आसानी से पहुँच जाएंगे हैं।
कालाराम मंदिर बस से कैसे जाए
कालाराम मंदिर जाने के लिए यदि आपने बस का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि कालाराम मंदिर सड़क मार्ग के माध्यम से अपने आसपास के सभी शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं आप नाशिक पहुँच कर सीधे काला राम मंदिर तक आसानी से पहुँच जाएंगे।
Kalaram Temple Nashik
History of Kalaram Temple
History of Kalaram Temple Nashik reveals that this temple was built in 1782 by Sardar Rangrao Odhekar of Peshwa. The temple was built in Nagara style. The Kalaram temple is believed to have been built at the site of Parnakuti, which was earlier the abode of Nathpanthi sadhus. Please tell that one day the sages found the idol of Lord Rama on the banks of Aruna Varuna river and they established the idol of Lord Rama by making a wooden temple. During the reign of Peshwas, the construction work of this temple was started as per the order of Mato Shri Gopikabai. It is believed that about 23 lakhs were spent in the construction of the temple at that time.
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Structure of Kalaram Temple Nashik
The structure of Kalaram temple is made on sight. The temple is surrounded by four walls from all its sides. Explain that 96 pillars are located in the structure of the temple. The temple is entered from the east through an arched door. Proceeding from this, we see that the verandah of the temple is beautifully decorated with arches and pillars. The length of the Kalaram temple is 74 meters, the width is 32 meters and the height of the Kalasha is 69 feet. After getting acquainted with the structure of the temple, it appears that the structure of Kalaram temple matches with Trimbakeshwar temple. The pinnacle of the Kalaram temple is gold plated and one can also see temples dedicated to Lord Vitthal and Lord Ganesha around the temple.
Major festivals celebrated in Kalaram Temple, Nashik
Festivals and festivals are celebrated with great pomp in the Kalaram temple. The major festivals of Kalaram Temple include Ram Navami, Dussehra and Chaitra Padwa etc.
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Kalaram Temple Satyagraha
The role of this temple in the Kalaram Temple Satyagraha movement cannot be denied. Because on March 2, 1930, under the leadership of Dr. Bhim Rao Ambedkar, the Dalit movement (Kalaram Temple Satyagraha Movement) was done. The reason for calling off this movement was the demand to allow Dalits to enter temples. The Kala Ram Satyagriha movement is also known as the temple entry movement.
Aarti Timings at Kalaram Temple
The aarti in the Kalaram temple takes place at 6 in the morning and at 8 in the night.
Kala Ram Temple Entry Fee
No entry fee of any kind is charged from the devotees visiting Kala Ram Temple. This temple is absolutely free for its devotees.
Distance from Nashik to Kalaram Temple
The distance from Nashik to Kalaram Temple is about 3 kms.
Distance from Trimbakeshwar to Kala Ram Mandir
The distance from Trimbakeshwar to Kala Ram Temple is about 30 kms.
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Best Time To Visit Kalaram Temple
Kalaram Temple is located in Nashik and tourists can visit it at any time of the year. However, devotees prefer to visit the Kala Mandir on festivals like Ram Navami, Dussehra. The best time to visit Nashik city is considered to be from October to March. So you can choose this time as well, although the temple is open for devotees every day in the morning, afternoon and evening. One hour is enough to see the deity and visit the Kalaram temple.
Where to stay near Kalaram Temple
If you are looking for a good place to stay here after having darshan of Lord Shri Ramchandra ji at Kalaram Temple. So let us tell you that in Nashik you will find hotels ranging from low-budget to high-budget, which are located within about 3 km from Kalaram Temple. You can choose the hotel according to your convenience and budget.
Famous local food of Kalaram Temple
During your visit to the Kalaram Temple pilgrimage site, do not miss the famous food of Nashik. You will find a variety of vegetarian food in the local cuisine of Nashik. The most famous dish here is Modak which is made from a mixture of coconut and jaggery. Apart from this, you will also get to taste Vada Pav, Sabudana Vada, Biryani, Momos and Thukpa in the famous restaurants here.
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How to reach kalaram temple nashik
You can choose any of the flight, train and bus to travel to Kalaram Temple.
How to reach Kalaram temple by flight
If you have chosen the air route to visit Kalaram Temple. So let us tell you that about 3 kilometers from Kalaram Temple is the city of Nashik which is well connected to the major airports of the country via air. You can choose Nashik's Ozar airport for your travel. With the help of taxi or local means from Ozar airport, Kalaram temple can be easily reached.
How to reach Kalaram Temple by train
If you have chosen the train route to visit Kalaram Temple. So let us tell you that the city of Nashik is well connected to the major metros of the country through rail connectivity. You can easily reach Kalaram Temple from Nashik Railway Station with the help of buses plying here.
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How to reach kalaram temple by bus
If you have chosen bus to go to Kalaram temple. So let us tell you that Kalaram Temple is well connected to all the cities around it by road, you will reach Nashik directly to Kala Ram Temple easily.
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Singer - The Lekh