करवा चौथ कथा - Rakesh Kala


M:-    हम करवा चौथ की बहना तुमको कथा सुनाते हैं 
    पावन कथा सुनाते हैं कैसे हो लम्बी उम्र पति की
    ये बतलाते हैं हम कथा सुनाते हैं क्यों देख के चंदा 
    हर नारी के मन मुस्काते हैं भगतो मन मुस्काते हैं
    कैसे इस व्रत को करने से उत्तम फल पाते हैं  
    ये  कथा सुनाते हैं …………………………………….
कोरस :-     जय करवा चौथ मैया सब करना पूरण काज 
    हम सब नारी की माँ रखना सिंदूर की लाज 

M:-    एक सेठ की सुनो कहानी बेटे जिसके सात 
    उन सबकी एक लाडली बहना रहती उनके साथ 
कोरस :-     बहना रहती उनके साथ
M:-    भोजन सब मिल कर करते बैठ भाई बहन आठ 
    सुखमय उनका जीवन सबकी अपनी अपनी ठाठ 
कोरस :-     सबकी अपनी अपनी ठाठ
M:-    आया जब कार्तिक का महीना दिन करवा चौथ ख़ास 
    बैठे  सारे भाई खाने को बहन न बैठी पास 
कोरस :-     उनकी बहन न बैठी पास
M:-    भाई ये बोले माँ से अपनी बहन बुला कर लाओ 
    कहना सारे भाई हैं भूखे भोजन करने जाओ 
कोरस :-     कहना भोजन करने जाओ
M:-    आगे क्या फिर हुआ ये सबको हम बतलाते हैं
    भगतो हम बतलाते हैं कैसे इस व्रत को करने से 
    उत्तम फल पाते हैं  हम कथा सुनाते हैं 
कोरस :-     जय करवा चौथ मैया सब करना पूरण काज 
    हम सब नारी की माँ रखना सिंदूर की लाज 

M:-    मां ने जब बेटी को बुलाया तब उसने ये कहा 
    आज तो हमने  करवा चौथ का माँ है व्रत  रखा 
कोरस :-    हमने व्रत है आज रखा
M:-    अपने क्षुधा मैं तभी मिटाऊं  चाँद के हो  दर्शन 
    उसके बाद ही भाई के संग मैं करुँगी में भोजन 
कोरस :-    संग मैं करुँगी में भोजन
M:-    अपनी बहन को भूखी देख के दुखी हुए सब भाई 
    तभी सभी के मस्तिष्क में एक युक्ति आई 
कोरस :-    फिर एक युक्ति आयी
M:-    दूर पेड़ की ओट में जाकर लौ दीपक की  जलाई 
    छलनी से बहना को दिखा कहा देख चांदनी आयी  
कोरस :-    कहा देख चांदनी आयी  
M:-    इसी तरह से मिथ्या कहके व्रत खुलवाते हैं 
    बहन का व्रत खुलवाते हैं कैसे इस व्रत को 
    करने से उत्तम फल पाते हैं  
    ये  कथा सुनाते हैं …………………………………….
कोरस :-     जय करवा चौथ मैया सब करना पूरण काज 
    हम सब नारी की माँ रखना सिंदूर की लाज 

M:-    बहन ने अपनी भाभियों से, कहा ये जाकर के 
    तुम सब भूखी खड़ी हों क्यों. चलो आओ खाकर के 
कोरस :-     चलो आओ खाकर के    
M:-    भाभी बोली सुनो ननद ये चाँद नहीं अम्बर का 
    दीप जलाकर चाँद बताया झूठ था ये पलभर का 
कोरस :-     हा झूठ था ये पलभर का
M:-    सुनकर भाभी से कडवा सच दुखी हो गयी बहना 
    अब किस्मत में जो भी लिखा पड़ेगा वो दुःख सहना 
कोरस :-    पड़ेगा वो दुःख सहना
    दुखी ह्रदय से चली वो बहना साजन के घर में 
    सासू माँ ने रोक लिया जो कदम रखे दर में
कोरस :-    जो कदम रखे दर में
M:-    इसके आगे की घटना भगतो बतलाते है
    भगतो हम बतलाते है कैसे इस व्रत को 
    करने से उत्तम फल पाते हैं  
    ये  कथा सुनाते हैं …………………………………….
कोरस :-     जय करवा चौथ मैया सब करना पूरण काज 
    हम सब नारी की माँ रखना सिंदूर की लाज 

M:-    सासू बोली नहीं बचा सुख क्या लेने तू आई 
    कैसा व्रत किया था तूने पति की जान लुटाई 
कोरस :-    पति की जान लुटाई
M:-    सुनके सास के ताने बहू ने आंसू न अपने बहाए 
    पति की लाश लिए गोदी में पगली सी हो जाए 
कोरस :-    पगली सी हो जाए
M:-    जीवन के हर  सुख से मैं तो दूर सदा हो  जाऊं 
    जब तक लौटा लूँ न पति को चैन नहीं मैं पाऊं 
कोरस :-    चैन नहीं मैं पाऊं    
M:-    एक बरस तक पति से उसको , दूर न कोई कर पाया 
    साल जो बीता फिर से  करवा चौथ का दिन फिर आया 
कोरस :-    करवा चौथ का दिन फिर आया
M:-    इस बहना की दुःख की बातें आगे बतातें है 
    भगतो आगे बतातें है कैसे इस व्रत को 
    करने से उत्तम फल पाते हैं  
    ये  कथा सुनाते हैं …………………………………….
कोरस :-     जय करवा चौथ मैया सब करना पूरण काज 
    हम सब नारी की माँ रखना सिंदूर की लाज 

M:-    अपनी ननद से मिलने को जब  सातों भाभियाँ आई 
    अपनी हर हर भाभी से कहने ननद यही बस आई 
कोरस :-     कहने ननद यही बस आई
    भाभी मुझपे करम ये कर दो रहूँ न फिर मैं अभागन 
    यम सुई ले लो पिया सुई दे दो कर दो मुझे सुहागन 
कोरस :-     कर दो मुझे सुहागन
M:-    हर भाभी ये कहके चल दी मेरे बाद जो आये 
    सुनो ननद बस वही करेगी तेरा कोई उपाय
कोरस :-     करेगी तेरा कोई उपाय 
M:-    धीरे धीरे छह भाभी ऐसा कहकर चल दी 
    अपने भाग्य को कोसती बहना रोतीऔर बिलखती 
कोरस :-     बहना रोतीऔर बिलखती
M:-    हुआ क्या सातवीं भाभी के संग आगे बताते हैं 
    भगतो आगे बताते हैं कैसे इस व्रत को 
    करने से उत्तम फल पाते हैं  
    ये  कथा सुनाते हैं …………………………………….
कोरस :-     जय करवा चौथ मैया सब करना पूरण काज 
    हम सब नारी की माँ रखना सिंदूर की लाज 

M:-    छोटे भाई के कारण ही था बहना का व्रत टूटा 
    एक छोटी भूल से उसका भाग्य गया था रूठा 
कोरस :-     उसका भाग्य गया था रूठा
M:-    बोली छोटी भाभी से वो मुझको सुहागन कर दो 
    मैं भी फिर से व्रत कर पाऊं ऐसा मुझको वर दो 
कोरस :-     ऐसा मुझको वर दो
M:-    करना चाहा  टालमटोल पर भाभी के पैर न छोड़े 
    अपने प्राण भी अब मैं त्यागूँ, जाओगी जो मुख मोड़े
कोरस :-     जाओगी जो मुख मोड़े
M:-    पसीजा   भाभी का मन उसने दी ऊँगली को  चीर 
    अमृत की बुँदे  तब बन गयी उसका बहता रुधिर 
कोरस :-     बन गयी उसका बहता रुधिर
    श्री गणेश का नाम लिए मृत पति उठ जाते हैं 
    देखो पति उठ जाते हैं कैसे इस व्रत को 
    करने से उत्तम फल पाते हैं  
    ये  कथा सुनाते हैं …………………………………….
कोरस :-     जय करवा चौथ मैया सब करना पूरण काज 
    हम सब नारी की माँ रखना सिंदूर की लाज 


M:-    करवा चौथ का दिन हर नारी का होता बहुत है ख़ास 
    हांथो में मेहँदी और मांग में सिंदूर का हो वास 
कोरस :-     मांग में सिंदूर का हो वास
M:-    जब तक चन्द्र नहीं उदय हो करती वो उपवास  
    छलनी से दर्शन कर चंदा  पति को पाती पास 
कोरस :-     अपने पति को पाती पास
M:-    उनके हाथो से जल पीकर, व्रत पूरण वो करती 
    पूजन भक्ति देख के मैया कष्ट सभी के हरती
कोरस :-     मैया कष्ट सभी के हरती
M:-    अपने सुहाग की खातिर जो भी व्रत रखती है नारी 
    यम की जिद भी उनसे भगतो  सदा सदा है हारी 
कोरस :-     सदा सदा है हारी
M:-    नारी शक्ति से पति के दिन सब शुभ हो जाते हैं 
    भगतो शुभ हो जाते हैं कैसे इस व्रत को 
    करने से उत्तम फल पाते हैं  
    ये  कथा सुनाते हैं …………………………………….
कोरस :-     जय करवा चौथ मैया सब करना पूरण काज 
    हम सब नारी की माँ रखना सिंदूर की लाज 

M:-    हम करवा चौथ की बहना तुमको कथा सुनाते हैं 
    पावन कथा सुनाते हैं कैसे हो लम्बी उम्र पति की
    ये बतलाते हैं हम कथा सुनाते हैं क्यों देख के चंदा 
    हर नारी के मन मुस्काते हैं भगतो मन मुस्काते हैं
    कैसे इस व्रत को करने से उत्तम फल पाते हैं  
    ये  कथा सुनाते हैं …………………………………….
कोरस :-     जय करवा चौथ मैया सब करना पूरण काज 
    हम सब नारी की माँ रखना सिंदूर की लाज 

Singer - Rakesh Kala