जानिए ''उज्जैन'' शहर के इन 12 प्राचीन मंदिर की विशेषताएँ (Know the features of these 12 ancient temples) - The Lekh
GaanaGao2 year ago 312उज्जैन (Ujjain) भारत (India) के मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में स्थित एक प्राचीन शहर है, जो पवित्र नदी 'क्षिप्रा' के तट पर स्थित है। यह शहर अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। 'कुंभ मेला', जिसे महापर्व कहा जाता है, प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक के बाद यहां उज्जैन में आयोजित किया जाता है। इसलिए इस शहर का महत्व और भी बढ़ जाता है।
इसके अलावा यह शहर प्राचीन हिंदू तीर्थ स्थल महाकालेश्वर मंदिर के लिए भी जाना जाता है, जो महादेव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। आइए अब हम उज्जैन के मौजूदा मंदिरों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
1. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग - Mahakaleshwar Jyotirlinga
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह भी बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस तीर्थ स्थान को भोलेनाथ का पवित्र धाम माना जाता है, जिसके दर्शन के लिए देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर से श्रद्धालु आते हैं। यह तीर्थस्थल शिप्रा नदी के तट पर स्थित है।
2. चौबीस स्तंभ माता मंदिर - Twenty Four Pillar Mata Temple
यह भी उज्जैन में मौजूद एक प्राचीन मंदिर है। यहां एक बड़ा प्रवेश द्वार है, जिसे चौबीस स्तंभ कहते हैं। यह महाकालेश्वर मंदिर से बाजार के रास्ते में पड़ता है। दरवाजे के दोनों ओर महालय और महामाया नाम की दो देवियों की मूर्तियां स्थापित हैं। कहा जाता है कि राजा विक्रमादित्य इन देवियों की पूजा किया करते थे।
3. इस्कॉन मंदिर उज्जैन - ISKCON Temple Ujjain
भगवान कृष्ण को समर्पित एक इस्कॉन मंदिर भी प्राचीन शहर उज्जैन में मौजूद है। यह मंदिर उज्जैन जंक्शन से लगभग 5 किमी की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर को राधा मदन मोहन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
4. श्री मंगलनाथ मंदिर - Shri Mangalnath Temple
मंगलनाथ मंदिर उज्जैन शहर में एक और प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है, जो पवित्र नदी शिप्रा के तट पर स्थित है। यह मंदिर महादेव को समर्पित है। इसके अलावा इस मंदिर की गिनती शहर के सबसे सक्रिय मंदिरों में भी होती है, क्योंकि यहां रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
5. गोपाल मंदिर - Gopal Mandir
यह भी उज्जैन का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जो बड़ा बाजार के चौक के बीच स्थित है। माना जाता है कि भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर का निर्माण 19वीं शताब्दी में महाराजा दौलत राव शिंदे की रानी बैजीबाई शिंदे ने करवाया था। इसके अलावा इस मंदिर के माध्यम से मराठा वास्तुकला को करीब से देखा जा सकता है।
6. त्रिवेणी घाट श्री शनेश्वर नवग्रह मंदिर - Triveni Ghat Shri Shaneshwar Navagraha Temple
क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित त्रिवेणी घाट श्री शनिश्वर नवग्रह मंदिर है, जो बड़ी संख्या में भक्तों को आकर्षित करता है। यह मंदिर शनि देव को समर्पित है। इस प्राचीन मंदिर के बारे में कहा जाता है कि कभी भारत के महान सम्राट विक्रमादित्य यहां पूजा करते थे।
7. नागचंद्रेश्वर मंदिर - Nagchandreshwar Temple
यह भी उज्जैन का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जिसके कपाट साल में एक बार यानि नाग पंचमी के दिन ही खुलते हैं। इस दिन भोलेनाथ नाग के आभूषण की पूजा की जाती है। मंदिर में मौजूद मूर्ति बहुत पुरानी है, जिसे नेपाल से लाया गया था।
8. राम मंदिर - Ram Mandir
उज्जैन में राम मंदिर भी है। यहां भगवान राम सीता और भाई लक्ष्मण के साथ विराजमान हैं। वहीं, यहां एक जनार्दन-मंदिर (जनार्दन-विष्णु) भी है। ऐसा माना जाता है कि इन दोनों मंदिरों का निर्माण 17वीं शताब्दी में राजा जय सिंह ने करवाया था।
9. अखंड ज्योति हनुमान मंदिर - Akhand Jyoti Hanuman Mandir
उज्जैन में भगवान हनुमान को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर भी है। अखंड ज्योति हनुमान मंदिर में बजरंग बली की एक अद्भुत मूर्ति स्थापित है, जो इसे दूर से ही आकर्षित करने का काम करती है। इसके अलावा यह मंदिर भगवान हनुमान के चमत्कारों के लिए भी जाना जाता है।
10. हरसिद्धि मंदिर - Harsiddhi Temple
उज्जैन के पवित्र स्थानों में इस मंदिर का विशेष स्थान है। इसे माता हरसिद्धि का प्राचीन मंदिर कहा जाता है। इसके अलावा कहा जाता है कि यह स्थान कभी राजा विक्रमादित्य की तपोभूमि हुआ करता था।
11. श्री करकोटेश्वर महादेवी - Shri Karkoteshwar Mahadevi
उज्जैन में महादेव को समर्पित एक और मंदिर श्री करकोटेश्वर महादेव है। मान्यताओं के अनुसार यहां महादेव करकोट सांप के रूप में हैं। वहीं कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए यहां विशेष पूजा की जाती है।
12. काल भैरव मंदिर - Kaal Bhairav Temple
उज्जैन का एक और प्रसिद्ध मंदिर काल भैरव मंदिर है, जहां प्रतिदिन भक्त इकट्ठा होते हैं। जैसा कि नाम से पता चलता है, यह मंदिर काल भैरव को समर्पित है। वहीं इस मंदिर में काल भैरव को शराब का भोग लगाया जाता है।
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Singer - The Lekh