जानिए श्रीकृष्ण की स्यमयी बातें, जिनके बारे में शायद ही आपने कभी सुनी होंगी या जानते होंगे - Traditional
GaanaGao2 year ago 637Lord Shri Krishna: आज हम आपको भगवान कृष्ण के बारे में कुछ ऐसी रहस्यमयी बातें बताने जा रहे हैं जो आपने शायद ही कभी सुनी होंगी या आप जानते होंगे। राशलीला, माखन चोर, नटखट कन्हैया, गाय चराने वाला और ना जाने किन नामों से जानते हैं हम…. इस लेख को पूरा पढ़े और जानें हिंदू धर्म और भगवान श्री कृष्ण की शक्ति...
भगवान श्री कृष्ण का जन्म आज से लगभग 3229 वर्ष पहले मथुरा में हुआ था। भगवान श्री कृष्ण का जीवन बहुत ही संघर्षमय था, लेकिन अपनी अनोखी लीलाओं और अपनी तेज़ बुद्धि से वह संघर्ष से भरे जीवन को बहुत ही सहजता से जिया उन्होंने हर परिस्थितियों का डटकर सामना किया तो दोस्तों चलिए आज आपको इस आर्टिकल के माध्यम श्री कृष्ण की अनमोल बातें बताते है।
श्री कृष्ण के चरित्र में कहीं भी कलंक नहीं है (character of Shri Krishna)
भगवान श्री कृष्ण महान विद्वान ,सम्पूर्ण ऐश्वर्य के स्वामी थे, योगी थे, वेदों के ज्ञाता थे। वास्तव में लोग उन्हें रास लीला रचाने वाले छलिया चूड़ी बेचने वाला 16 लाख शादियाँ करने वाला कहते है, पर ये सत्य नहीं है, ऐसे योगी महापुरुष पर ऐसे लांछन लगाना मूर्खता के अतिरिक्त कुछ नहीं। श्री कृष्ण जी ने मात्र एक विवाह रुक्मिणी से किया और विवाह पश्चात् भी 12 वर्षों तक ब्रह्मचर्य का पालन किया । तत्पश्चात प्रद्युम्न नाम का पुत्र रत्न प्राप्त हुआ।
चक्रधारी, सबसे बड़े योद्धा (Chakradhari, the greatest warrior)
भगवान श्री कृष्ण द्वारा कहा गया था कि यह हमारा जीवन भी एक युद्ध की तरह है इस युद्ध से हमें डरना नहीं चाहिए क्योंकि इस मनुष्य जीवन में दुख और सुख तो आते जाते रहते हैं और दुखो से डरना नहीं चाहिए और जीवन के हर युद्ध में आगे बढ़ते रहना चाहिए।
सच्चे प्रेम की नई परिभाषा (new definition of true love)
श्री कृष्ण ने अपने जीवन में प्रेम की पवित्र परिभाषाएं बताई थी, उन्होंने कहा था कि प्रेम स्वार्थ नहीं होता प्रेम तो वह होता है जो सच्चे मन से किया जाए उसे ही सच्चा प्रेम कहा जाता है।
मृत्यु ही सच्चाई (death truth)
श्री कृष्ण मृत्यु को जीवन की अंतिम सच्चाई बताते हैं, की जिस व्यक्ति को मृत्यु का ज्ञान हो जाता है, उसे एक दिन स्वार्थ की दुनिया छोड़कर जाना ही पड़ेगा भगवान श्री कृष्ण ने मृत्यु को अंतिम सच्चाई माना था क्योंकि जो इस दुनिया में आया है उसे एक दिन ये मनुष्य शरीर छोड़ना भी होगा।
श्री कृष्ण के अचार विचार (Pickle Thoughts of Shri Krishna)
जुए के विरोधी (anti gambling)
वे जुए के घोर विरोधी थे। जुए को एक बहुत ही बुरा व्यसन मानते थे। जब वे काम्यक वन में युधिष्ठिर से मिले तो उन्होनें युधिष्ठिर को कहा- अगर मैं द्वारका के पास होता तो आपको इस खेल के दोष बता देता और आपको रोकने की पूरी कोशिश करता।
शराब सेवन के विरोधी (anti alcohol abuse)
श्री कृष्ण मदिरापान के घोर विरोधी थे। उन्होंने यादवों के मदिरापान पर प्रतिबन्ध लगा दिया था और उसका सेवन करने वाले के लिए मृत्युदण्ड की व्यवस्था की थी।
गाय की पूजा करने वाले भगत (cow worshipers)
श्री कृष्ण गौ भक्त थे। गोपों के उत्सव में हल और जुए की पूजा होती थी।श्रीकृष्ण ने गोपूजन जरुरी क्यों है ये समझाया उन्होंने बताया कि हमारे देवता तो अब गौएँ हैं, न कि गोवर्धन पर्वत। गोवर्धन पर घास होती है। उसे गौएँ खाती हैं और दूध देती हैं। इससे हमारा गुजारा चलता है।
ब्रह्मचर्य का पालन (observance of celibacy)
जैसा की आपको ऊपर बताया था की श्रीकृष्ण ने मात्र एक विवाह रुक्मिणी से किया और विवाह पश्चात् भी 12 वर्षों तक ब्रह्मचर्य का पालन किया था।
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