F:- कृष्ण कृपा की बारिश में तू भीग ले मनवा झूम ले मनवा
आत्म ज्ञान की गहराई को देख ले मनवा सिख ले मनवा
हर पल आनंद बरस रहा रहा है
फिर भी मन क्यों तरस रहा है
संतो की ऊंची संगत में
बैठ ले मनवा रंग ले मनवा
कृष्ण कृपा की बारिश में तू भीग ले मनवा झूम ले मनवा
कृष्ण बांसुरी बजा रहे है
प्रेम की धुन पर नाचा रहे है
प्रेमी बनकर इस मधुवन में
नाच के मनवा साथ ले मनवा
कृष्ण कृपा की बारिश में तू भीग ले मनवा झूम ले मनवा
हेमा जीवन खिल जायेगा
नारायण में मिल जायेगा
गुण अवगुण सब हरी चरणों में
सौंप दे मनवा सौंप दे मनवा
कृष्ण कृपा की बारिश में तू भीग ले मनवा झूम ले मनवा
Singer - Traditional