माँ अमरकांत से - Vinod Sahu


M:-        माँ अमरकंट के प्रगटी रेवा सब  नदियों में न्यारी 
कोरस :-     माँ अमरकंट के प्रगटी रेवा सब नदियों में न्यारी 
M:-        माँ अमरकंट के प्रगटी रेवा सब  नदियों में न्यारी 
कोरस :-     माँ अमरकंट के प्रगटी रेवा सब नदियों में न्यारी 
M:-        शिव कन्या उतरी भारत भक्तो की हितकारी 
कोरस :-     माँ अमरकंट के प्रगटी रेवा सब नदियों में न्यारी -२

M:-        छल छंदो से तृष्ट हुयी माँ सोनभद्र से रुष्ट हुयी माँ 
कोरस :-     छल छंदो से तृष्ट हुयी माँ सोनभद्र से रुष्ट हुयी माँ 
M:-        झूठे बंधन मुक्त हुयी माँ परमार्थ में लिप्त हुयी माँ 
कोरस :-     झूठे बंधन मुक्त हुयी माँ परमार्थ में लिप्त हुयी माँ 
M:-        करने को सबका कृपा सब दुखियो पे माँ आजीवन कुमारी 
कोरस :-     माँ अमरकंट के प्रगटी रेवा सब नदियों में न्यारी -२

M:-        घाटन घात बही माँ ऐसे अमृत की धरा हो जैसे 
कोरस :-     घाटन घात बही माँ ऐसे अमृत की धरा हो जैसे 
M:-        भक्त तेरे माँ कैसे कैसे क्षण में भर्ती झोली ऐसे 
कोरस :-     भक्त तेरे माँ कैसे कैसे क्षण में भर्ती झोली ऐसे 
M:-        दर्शन को दर्शन को दर्शन को मनसा पूरी करती रैना हो उजयारी 
कोरस :-     माँ अमरकंट के प्रगटी रेवा सब नदियों में न्यारी -२

M:-        कंकड़ तेरे शंकर रूप तेरा माँ अति भयंकर 
कोरस :-     कंकड़ तेरे शंकर रूप तेरा माँ अति भयंकर 
M:-        निर्मल नीरा बहे निरंतर पावन धाम बेस घट्न पर 
कोरस :-     निर्मल नीरा बहे निरंतर पावन धाम बेस घाटन पर 
M:-        माँ सोभा धरती की तुमसे हो तुम हो धरा निराली 
कोरस :-     माँ अमरकंट के प्रगटी रेवा सब नदियों में न्यारी -२

M:-        तेरी भक्ति करे भारती शाम सवेरे हो ये आरती 
कोरस :-     तेरी भक्ति करे भारती शाम सवेरे हो ये आरती 
M:-        लिखे नराली कथा मात की राणो विनोद की विपत टारती 
कोरस :-     लिखे नराली कथा मात की राणो विनोद की विपत टारती 
M:-        माँ चुनरी नारियल तुम्हे चढ़ाऊँ जो है तेरी प्यारी 
माँ अमरकंट के प्रगटी रेवा सब  नदियों में न्यारी 
कोरस :-     माँ अमरकंट के प्रगटी रेवा सब नदियों में न्यारी 
M:-        शिव कन्या उतरी भारत भक्तो की हितकारी 
शिव कन्या उतरी भारत भक्तो की हितकारी 
कोरस :-     माँ अमरकंट के प्रगटी रेवा सब नदियों में न्यारी -२

Singer - Vinod Sahu