मां कूष्मांडा मंत्र - Avinash Karn


M:-    जय माता दी माँ दुर्गा जी की चौथी शक्ति का नाम कुष्माण्डा है नवरात्र 
    उपासना में चौथे दिन माँ कुष्माण्डा की पूजा अर्चना की जाती है आइये बड़े 
    भाव से माँ देवी कुष्माण्डा मंत्र का गायन करते है -

M:-    ॐ सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
    दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥

कोरस :-     सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
    दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥

M:-    सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
    दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥

कोरस :-     सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
    दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥

M:-    सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
    दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥

कोरस :-     सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
    दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥
M:-    सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
    दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥

कोरस :-     सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
    दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥
M:-    सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
    दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥

कोरस :-     सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
    दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥

Singer - Avinash Karn