मंगलमयी भय मोचिनी (Mangalmayi Bhay Mochini) - Anuradha Paudwal
GaanaGao2 year ago 1888मंगलमयी भय मोचिनी (Mangalmayi Bhay Mochini)
मंगलमयी भय मोचिनी दुर्गा सुख की खान
जिसके चरणों की सुधा स्वयं पिये भगवान
दुःखनाशक संजीवनी नवदुर्गा का पाठ
जिससे बनता भिक्षुक भी दुनिया का सम्राट
अम्बा दिव्या स्वरूपिणी का ऐसो प्रकाश
पृथ्वी जिससे ज्योतिर्मय उज्जव्वल है आकाश
दुर्गा परम सनातनी जग की सृजनहार
आदि भवानी महादेवी सृष्टि का आधार
जय जय दुर्गे माँ, जय जय दुर्गे माँ
सदमार्ग प्रदर्शनी न्यान का ये उपदेश
मन से करता जो मनन उसके कटे कलेश
जो भी विपत्ति काल में करे दुर्गा जाप
पूर्ण हो मनोकामना भागे दुःख संताप
उत्पन्न करता विश्व की शक्ति अपरम्पार
इसका अर्चन जो करे भव से उतरे पार
दुर्गा शोकविनाशिनी ममता का है रूप
सती साध्वी सतवंती सुख की कला अनूप
जय जय दुर्गे माँ, जय जय दुर्गे माँ
विष्णु ब्रह्मा रूद्र भी दुर्गा के है अधीन
बुद्धि विद्या वरदानी सर्वसिद्धि प्रवीण
लाख चौरासी योनियां से ये मुक्ति दे
महामाया जगदम्बिके जब भी दया करे
दुर्गा दुर्गति नाशिनी सिंघवाहिनी सुखकार
वेदमाता ये गायत्री सबकी पालनहार
सदा सुरक्षित वो जन है जिस पर माँ का हाथ
विकट डगरिया पे उसकी कभी ना बिगड़े बात
जय जय दुर्गे माँ, जय जय दुर्गे माँ
महागौरी वरदायिनी मैया दुःख निदान
शिवदूती ब्रह्मचारिणी करती जग कल्याण
संकटहरणी भगवती की तू माला फेर
चिंता सकल मिटाएगी घडी लगे ना देर
पारस चरणन दुर्गा के जग जग माथा टेक
सोना लोहे को करे अद्भुत कौतक देख
भवतारक परमेश्वरि लीला करे अनंत
इसके वंदन भजन से पापो का हो अंत
जय जय दुर्गे माँ, जय जय दुर्गे माँ
जय जय दुर्गे माँ, जय जय दुर्गे माँ
जय जय दुर्गे माँ, जय जय दुर्गे माँ
जय जय दुर्गे माँ, जय जय दुर्गे माँ
Singer - Anuradha Paudwal