मेहंदीपुर नगरी में - Tara Devi


मेहंदीपुर की नगरी में बालाजी का ठिकाना है 
दिन रात खुशियों का जहाँ बटता खजाना है 
मेहंदीपुर की नगरी में बालाजी का ठिकाना है 
                          १
जहाँ पूरी जीवन की हार आस होती है 
होती ना पल दो पल दिन रात होती है 
बात यही दुनिया की तीनो लोको ने माना है 
                          २
आती जहाँ दुनिया है दुखड़े सुनाने को 
बालाजी भी बैठे है हमे अपना बनाने को 
दुखो में जो राहत दे यही अंगना सुहाना है 
                          ३
मेहंदीपुर में सबको ही इन्साफ मिलता है 
यहाँ फल कर्मो का हाथो हाथ मिलता है 
बालाजी के आगे ना कोई चलता बहाना है 
लेखक :- सुखदेव निषाद
 

Singer - Tara Devi