मेरे कंठ बसो महारानी - Mishra Bandhu


मात शारदा उर बसों, धरकर सम्यक रूप,
सत्य सृजन करता रहूं, लेकर भाव अनूप,
सरस्वती के नाम से, कलुष भाव हो अंत,
शब्द सृजन होवे सरस, रसना हो रसवंत,

मेरे कंठ बसो महारानी,
मेरे स्वरों को अपना स्वर दो ,
गाउँ मैं तेरी बानी,
मेरे कंठ बसो महारानी

जीवन का संगीत तुम्ही हो,
आशाओं का दीप तुम्ही हो,
शब्द सुधा से दामन भर दो,
मैं याचक तुम दानी मां,
मेरे कंठ बसो महारानी

लय और ताल का ज्ञान भी दे दो,
स्वर सरगम और तान भी दे दो,
मेरे सीस पे हाथ धरो मां,
सरस्वती कल्याणी,
मां मेरे कंठ बसो महारानी,

मेरे स्वरों को अपना स्वर दो,
गाउँ मैं तेरी बानी,
मेरे कंठ बसो महारानी
 

Singer - Mishra Bandhu