पी ले जरा तू जी ले जरा - संजय मित्तल जी।


पी ले जरा तू जी ले जरा,
श्याम की अँखियों से मस्ती बरसे,
पी ले जरा तू जी ले जरा।।

तर्ज – वादा ना तोड़।

पहले पहले सारे इसको,
शोक से पीते,
बाद में सारे इसको,
पीकर के जीते,
अब ये मस्ती ना उतरे सर से,
पी ले जरा तू जी ले जरा।।

मस्ती का जिसको एक बार,
चसका चढ़ा है,
दुनिया में रुतबा उसका,
सबसे बड़ा है,
उसको सब कुछ मिला इस दर से,
पी ले जरा तू जी ले जरा।।

जिसको नशा ये एक बार,
लग जाता है,
उसको प्रभु का दर्शन,
मिल जाता है,
बाकी किस चीज को अब तरसे,
पी ले जरा तू जी ले जरा।।

बहुत वक्त पहले हमने,
इसको चखा था,
इस असर सीधे,
दिल पे चढ़ा था,
अब तो आनंद ही आनंद बरसे,
पी ले जरा तू जी ले जरा।।

पी ले जरा तू जी ले जरा,
श्याम की अँखियों से मस्ती बरसे,
पी ले जरा तू जी ले जरा।।

Singer - संजय मित्तल जी।