राधा नाम की लगाई फुलवारी - श्री चित्र विचित्र जी महाराज।


राधा नाम की लगाई फुलवारी,
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता,
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता,
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता,
राधा नाम की लगायी फुलवारी,
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता।।

कली कली में महक उसी की,
हर पक्षी में चहक उसी की,
नाचे मोर कोंके कोयलिया कारी,
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता,
राधा नाम की लगायी फुलवारी,
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता।।

राधा नाम का खिल गया उपवन,
महक उठा सारा वृन्दावन,
गूंजे गली गली में शोर भारी,
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता,
राधा नाम की लगायी फुलवारी,
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता।।

प्रेम के जल से सिंची ये बगिया,
महके ग्वाले महकी सखियां,
सब रसिकन को लागी हैं प्यारी,
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता,
राधा नाम की लगायी फुलवारी,
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता।।

‘चित्र विचित्र’ छाई हरियाली,
विहरत राधा संग बनमाली,
ऐसी पागल की बगिया है न्यारी,
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता,
राधा नाम की लगायी फुलवारी,
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता।।

राधा नाम की लगाई फुलवारी,
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता,
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता,
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता,
राधा नाम की लगायी फुलवारी,
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता।।

Singer - श्री चित्र विचित्र जी महाराज।