रण में हुनकारी काली माँ - Moksh gulati


जय काली कलकत्ते वाली जय काली  जय जय काली 
जननी है वो तो वो ही माँ काली दर पे उसके ना रहता किसी का दामन खली 
जय काली कलकत्ते वाली जय काली  जय जय काली 
उद्धार धरा का करने को जन जन में भक्ति भरने को 
दुष्टो का खात्मा करने को भक्तो के दुखड़े हरने को 
कर नैन लाल बिखराके बाल भरने को खप्पर खाली 
रण में हुनकारी काली माँ ले तेज धारी काली माँ 
काली माँ काली माँ काली माँ काली माँ हा..............
रक्त बीज का वध करने को गौरा बन गयी काली माँ 
रणभूमि में छम छम नाचे पीके मधु की ताली माँ
कांपे थर थर सारे निश्चर पड़ी सबपे भारी काली माँ 
रण में हुनकारी काली माँ ले तेज धारी काली माँ 
काली माँ काली माँ काली माँ काली माँ हा..............
चण्डमुण्ड का मुंड काट के गले में पहनी माला रे 
भगदड़ मच गयी दुश्मन दल में बहा खून का नाला रे 
हुई धरा लाल हो थोक ताल खिलकारी मरी काली माँ 
रण में हुनकारी काली माँ ले तेज धारी काली माँ 
काली माँ काली माँ काली माँ काली माँ हा..............
पलक झपकते रक्तबीज का सर मैया ने काट दिया 
ना गिरा जमीं पे रखके सब खपर में डाल दिया 
दिया मार दुष्ट किया दूर कष्ट तुझे पूजे अनाड़ी काली माँ 
रण में हुनकारी काली माँ ले तेज धारी काली माँ 
काली माँ काली माँ काली माँ काली माँ हा..............

Singer - Moksh gulati