सांवरिया ऐसी तान सुना - श्री चित्र विचित्र जी महराज।


सांवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन,
मैं नाचू तू गा,
सांवरिया ऐसी तान सुना।।

रस की धार बहे इस मन मे,
अनुपम प्यार बहे इस मन मे,
तेरी याद ना विसरे इक पल,
ऐसा मस्त बना,
सांवरिया ऐसी तान सुना।।

भूली फिरू मैं सदन कुंजन मे,
बृज की चिन मे दिव्य लतन मे,
रसिकन की पग रज मस्तक की,
देवे लेख जगा,
सांवरिया ऐसी तान सुना।।

नैनन हो मेला अँसुवन का,
पग पग थिरक उठे जीवन का,
हर इक प्राण पुकारे पी पी,
ऐसी तार हिला,
सांवरिया ऐसी तान सुना।।

हर पल तेरा रूप निहारू,
मैं सोवत जागत तोहे पुकारू,
हरी हरो मन की कुटिलाई,
प्रेम की ज्योत जगा,
सांवरिया ऐसी तान सुना।।

सांवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन,
मैं नाचू तू गा,
सांवरिया ऐसी तान सुना।।

Singer - श्री चित्र विचित्र जी महराज।