सतरंगी फागुण - Sanjay Pareek


धूम मची खाटू नगरी में गूंजे जय जयकार 
सतरंगी फागण का मेला फिर आया एक बार 
                       १
एक बरस में रंग रंगीला जब ये मेला आये 
हर इक प्रेमी का दिल खाटू जाने को ललचाये 
श्याम प्रेमियों का होता ये सबसे बड़ा त्यौहार क
                        २
रींगस से कोई पेट पलनीय कोई पैदल जाये 
रंग बिरंगी श्याम ध्वजाये लहर लहर लहराए 
हनुमत संग भक्तो के चलता लीले का असवार 
                        ३
श्याम प्रेमियों से भर जाती है खाटू की गलिया
ऐसा लगता है खाटू में आ गयी पूरी दुनिया 
खाटू वाले श्याम धणी का करने को दीदार 
                        ४
अजब खुमारी चढ़ जाती कुंदम खाटू में आकर 
सभी नाचते चंग बजा बाबा को रंग लगाकर 
संजय के गाये भजनो से गूंज रहा दरबार

Singer - Sanjay Pareek