श्री कृष्णा वाणी सुविचार (shree krshna vaanee suvichaar) - कृष्ण वाणी
GaanaGao2 year ago 2298
इस संसार में भाग्य से अधिक
और समय से पहले
ना किसी को मिला है
और ना ही कभी मिलेगा !
मुश्किल घड़ी में अपने
नहीं जब काम आते हैं तब
बचाने हर बला से
मेरे घनश्याम आते हैं!
इस दुनिया में सबकुछ खोने योग्य है
केवल ज्ञान पाने योग्य है !
हमें चिंता नहीं खुद की
उन्हें चिंता हमारी है
हमारे प्राणों के रक्षक
स्वयं सुदर्शन चक्र धारी है!
जीवन में वाणी को
संयम में रखना अनिवार्य है
क्योंकि वाणी से दिए हुए घाव
कभी भरे नहीं जा सकते !
कृष्ण कहते हैं धर्म के लिए लड़ना सीखो
अधर्मी का काल बनना सीखो और
अपनों के लिए त्याग करना सीखो!
प्रेम का कोई अंत नहीं है
यह विरह से बढ़ता है
और आंसू से फैलता है!
कभी ग्वाला कभी मुरलीधर
अपराधी सुदर्शन चक्र धारी है वो
दयालु और द्रोपदी का साड़ी भी है वो!
सुनो प्रिय सारी जिंदगी
आपका इंतजार किया है
मैंने तो आप की गैरमौजूदगी
से भी प्यार किया है !
चाहे कितना भी बुरा क्यों ना हो
तुम्हारे साथ पर यकीन रखना
इसमें भी ईश्वर ने कुछ अच्छा ही
सोचा होगा तुम्हारे लिए!
दूसरों के कर्मों का श्रेय स्वयं लेकर
आप जयेष्ठ बन सकते हैं श्रेष्ठ कदापि नहीं !
इश्क कोई जंग नहीं जिसे
जीतना जरूरी है
इश्क कहानी है
जो सदियों से अधूरी है!
इंसान समय और अपनी सहूलियत के
हिसाब से शब्दों का प्रयोग करता है !
रिश्ते बड़ी शिद्दत से बुनने पड़ते हैं
बारीक रेशमी धागों की कारीगरी
सबके बस की थोड़ी है!
प्रेम के रंग में रंग लो जीवन सारा
यह प्रेम ही है लोक और परलोक का सहारा !
सिर्फ दिखावे के लिए अच्छा मत बनो
मैं आपको बाहर से नहीं
बल्कि भीतर से जानता हूं!
यदि आपके पास कोई समस्या आती है
तो उसका समाधान खोजें
उससे दूर नहीं भागे !
तेरे जरा से दूर जाने पर
साथ छूटा-छूटा सा लगता है
कितना भी डालो प्रेम बंसी में
यह भी रूठा रूठा लगता है!
यह दुनिया एक पाठशाला है
और ईश्वर इसके गुरु
वह कठिन परीक्षा केवल
काबिल व्यक्ति की ही लेते हैं !
अपनी पीड़ा के लिए
संसार को दोष मत दो
अपने मन को समझाओ
तुम्हारे मन का परिवर्तन ही
तुम्हारे दुखों का अंत है!
Singer - कृष्ण वाणी