Shree Lakshmi Amritwani Lyrics. श्री लक्ष्मी अमृतवाणी गीत लिरिक्स | - Kavita Paudwal
GaanaGao1 year ago 274श्री लक्ष्मी अमृतवाणी लिरिक्स | Shri Lakshmi Amritwani Lyrics.
विश्वप्रिया कमलेश्वरी लक्ष्मी दया निधान
तिम्र हरो अज्ञान का, ज्ञान का दो वरदान
आठो सिद्धिया द्वार तेरे खड़ी है माँ कर जोड़
निज भक्तन की लाज को तट की ओर तू मोड़
निर्धन हम लाचार बड़े तू है धन का कोष
सुख की वर्षा करके माँ कर लो मन का दोष
जीवन चंदा को मैया ग्रहण लगा घनघोर
डगमग डोले पग हमरे, हम मानव कमजोर
महसुखदाई नाम तेरा, कर कष्टों का अंत
मरुस्थल जैसी ये काया, दे दो इसे बसंत
दिव्या रूप नारायणी पारस है तेरा धाम
तेरे सुमिरन से होते संतन के सिद्ध काम
स्वर्ण सी तेरी कांति भय का करती नाश
तेरी करुणा से टूटे हर जंजाल का पाश
मैया शोक विनाशिनी ऐसा करो उपकार
जीवन नौका हो जाए भवसिंधु से पार
शेष की सैया बैठ के सकल विश्व को देख
तेरी दृष्टि में मैया हर मस्तक की रेख
सिंधु सुता भागेश्वरी दीजो भाग्य जगाय
ताज के जग को हम तेरी शरण गए है आय
तू वैकुण्ठ निवासिनी, हम नर्को के जीव
प्राणहीन ये देहि कहे करदो हमें सजीव
कमला वैभव लक्ष्मी सुख सिद्धि तेरे पास
सागर तट पे हम प्यासे मैया बुझा दो प्यास
धन धान्य से घर हमरे सदा रहे भरपूर
हर्ष के फूल खिलाय के कांटे करदो दूर
तेरी अलौकिक माया से भागे दुःख संताप
रोम रोम माँ करे तेरा मंगल का ही जाप
हर की है अर्धांगिनी कृपा की दृष्टि कर
अन्न धन संपत्ति से माँ भरा रहे ये घर
सागर मंथन से प्रकटी ज्योति अपरम्पार
मन से चिंतन हम करे सबकी चिंता हार
जय लक्ष्मी माता-जय लक्ष्मी माता
जय लक्ष्मी माता-जय लक्ष्मी माता
जय लक्ष्मी माता-जय लक्ष्मी माता
जय लक्ष्मी माता-जय लक्ष्मी माता
Shri Lakshmi Amritwani Lyrics. श्री लक्ष्मी अमृतवाणी लिरिक्स |
Vishvpriya kamleshwari lakshmi daya nidhan
Timar haro agyan ka gyan ka do vardan
Aatho siddhiya dwar tere khadi hai maa kar jod
Nij bhaktan ki laaj ko tat ki or tu mod
Nirdhan hum lachar bade tu hai dhan ka kosh
Sukh ki varsha karke maa kar lo man ka dosh
Jivan chanda ko maiya grahan laga ghanghor
Dagmag dole pag hamre hum manav kamzor
Mahsukhdayi naam tera kar kashton ka ant
Marusthal jaisi ye kaya de do ise basant
Divya roop narayani paras hai tera dham
Tere sumiran se hote santan ke siddh kaam
Svaran si teri kanti bhay ka karti naash
Teri karuna se tute har janjaal ka pash
Maiya shok vinashini aisa karo upkar
Jivan nauka ho jaye bhavsindhu se paar
Shesh ki saiya baith ke sakal vishva ko dekh
Teri drishti mein maiya har mastak ki rekh
Sindhu suta bhageshwari dijo bhagya jagay
Taaj ke jag ko hum teri sharan gaye hai aay
Tu vaikunth nivasini hum narko ke jeev
Pranhin ye dehi kahe kardo humen sajiv
Kamla vaibhav lakshmi sukh siddhi tere paas
Sagar tat pe hum pyase maiya bijha do pyas
Dhan dhany se ghar hamre sada rahe bharpur
Harsh ke phool silay ke kante kardo door
Teri alaukik maya se bhage dukh santap
Rom rom maa tera mangal ka hi jaap
Har ki hai ardhangini kripa ki drishti kar
Ann dhan sampatti se maa bhara rahe ye ghar
Sagar manthan se prakati jyoti aprampar
Man se chintan ham kare sabki chinta haar
Jai lakshmi mata jai lakshmi mata..
Jai lakshmi mata jai lakshmi mata..
Jai lakshmi mata jai lakshmi mata..
Jai lakshmi mata jai lakshmi mata..
Singer - Kavita Paudwal
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