श्री राम कथा - Prem Prakash Dubey


॥श्री राम कथा॥ 

प्रेमी जनों जय सियाराम श्री रामलला सरकार की नगरी श्री अयोध्या धाम लेकर के चलते हैं आप सबको और रामलला के चरित्र का गुणगान सुनाते हैं
श्री राम लला के चरण में शीश झुकाए -2
श्री राम का यश प्रेम से गा गा के सुनाएं
नारायण की नर लीला का दर्श कराएं -2
श्री राम का यश प्रेम से गा गा के सुनाएं
कोरस:- रामलला है पूरण काज
श्री राम जय राम जय जय राम
रामा हो रामा हो
M:- धरती पर है एक नगरी पुराणों से पुरानी
एक्सवा की बंशीयों की राजधानी सुहानी
पावन अयोध्या नाम है उस दिव्य धाम का
अवतार जहां पर हुआ रघुवंशी राम का
कैसे हुआ अवतार सुनो यह भी बताएं -2
श्री राम का यश प्रेम से गा गा के सुनाएं
कोरस:- रामलला है पूरण काज
श्री राम जय राम जय जय राम
M:- प्रेमी जनों उसी अयोध्या नगरी में एक प्रतापी राजा थे जिनका नाम दशरथ हुआ
दशरथ हुए अयोध्या के राजा बड़े महान
जिनका प्रताप था जग में इंद्र के समान
कोशल्या केकई सुमित्रा तीन थी रानी
गुड रूप सील धर्म सदाचार की खानी
दशरथ महल का आओ दिव्य दर्श कराएं -2
श्री राम का यश प्रेम से गा गा के सुनाएं
कोरस:- रामलला है पूरण काज
श्री राम जय राम जय जय राम
M:- भक्तजनों अब आपको सुनाता हूं कि राजा दशरथ को कैसे संतान की प्राप्ति हुई
जब चौथे पन में भी उन्हें संतान ना हुई
उत्कृष्ट यज्ञ करने की तब कामना हुई
गुरु और सिंगी ऋषि ने मिलके यज्ञ कराया
दशरथ ने चार पुत्रों का वरदान है पाया
वह चौथे पन में चार पुत्र गोद खिलाएं -2
श्री राम का यश प्रेम से गा गा के सुनाएं
कोरस:- रामलला है पूरण काज
श्री राम जय राम जय जय राम
M:- अब क्या कहना दशरथ महल का भक्तजनों पूरी अयोध्या धाम मैं हर्ष और उल्लास का वातावरण बन गया
श्री राम जन्म से हुई हर्षित धरा सारी
सारी अयोध्या में हुआ उत्सव बड़ा भारी
गुरु ने सभी सुतो के दिव्य नाम बताएं
चारों के गुण प्रताप और दायित्व गिनाए
सब देवी देवता के गाए हर्ष मनाए -2
श्री राम का यश प्रेम से गा गा के सुनाएं
कोरस:- रामलला है पूरण काज
श्री राम जय राम जय जय राम
M:- कथा आगे बढ़ती है भक्तजनों चारों भाइयों का नामकरण होता है राजा रानी प्रसन्न हो रहे हैं
वह श्री राम भरत लक्ष्मण शत्रुघ्न चारों लाल
मुख देख-देख राजा रानी हो रहे निहाल
चारों सूत्रों को अपने हृदय से लगा लिया
चारों पदार्थ मान चौथे पन में पा लिया
सौभाग्य पर वह अपने फूले न समाए -2
श्री राम का यश प्रेम से गा गा के सुनाएं
कोरस:- रामलला है पूरण काज
श्री राम जय राम जय जय राम
M:- प्रेमी जनों श्री राम लला के दर्श के लिए मानो सारा संसार उमड़ पड़ा दशरथ महल में
श्री राम लला के दरस को महल के द्वारे
योगी का रूप लेकर स्वयं शिवजी पधारे
हरिहर ने एक दूसरे का दर्स जो पाया
आनंद परम दोनों के हृदय में भर आया
दोनों ही एक दूजे का आनंद बढ़ाएं -2
श्रीराम का यश प्रेम से गा गा कर सुनाएं
कोरस:- रामलला है पूरण काज
श्री राम जय राम जय जय राम
M:- पूरी अयोध्या मणियों से जड़ा दशरथ महल सारा संसार जिसका दर्शन पा रहा है
दशरथ महल का मणियों जड़ा भव्य सा अंगना
खेले महल के अंगना में चारों ही ललना
जूठन के लिए काक और संधि भी आ गए
श्री राम से आशीष कृपा से सीख पा गए
नित नित नई लीलाएं प्रभु राम दिखाएं -2
श्रीराम का यश प्रेम से गा गा कर सुनाएं
कोरस:- रामलला है पूरण काज
श्री राम जय राम जय जय राम
M:- भक्तजनों समय आया अतिथियों प्रेरित हुआ गुरु चरण गए पढ़न रघुराई और आयुष पाल विप्रा सब पाई
यज्ञों पवित्र हो गया गुरुकुल गए पढ़ने
सर्वज्ञ ज्ञान पाने की लीला लगे करने
हर विद्या अल्पकाल चारों भ्राता पा गए
गुरुकुल से पूर्ण ज्ञानी हो निजी कुल में आ गए
दशरथ जी इन्हें देख ब्रह्मानंद को पाएं -2
श्रीराम का यश प्रेम से गा गा कर सुनाएं
कोरस:- रामलला है पूरण काज
श्री राम जय राम जय जय राम
एक बात बताऊं आप सबको विश्वामित्र आ गए राजा दशरथ के यहां राम लक्ष्मण को लेकर चले गए आगे की कथा सुनिए
संग जा के विश्वामित्र के शुभ यज्ञ कराया
फल राक्षसों का दैत्यों का आतंक मिटाया
तारी अहिल्या और मिथिला धाम आ गए
निजी रूप मोहिनी से सबके मन पे छा गए
सब मिथिला वासी तन मन धन प्राण लुटाए -2
श्रीराम का यश प्रेम से गा गा कर सुनाएं
कोरस:- रामलला है पूरण काज
श्री राम जय राम जय जय राम
बड़ी रोचक कथा शुरू हो रही है राम जी धनुष तोड़ेंगे और सीता मैया से विवाह होगा
शिव धनुष तोड़ जनक जी के प्रण को निभाया
क्रोधित से प्रसूराम को भी शांत कराया
संपन्न हुआ शुभ विवाह सीताराम का
आनंद कहने में ना आए मिथिला धाम का
शिव ब्रह्मा इंद्र तीनो लोक हर्ष मनाए
नर नारी महोत्सव मनाए और झूम के गाए
श्रीराम का यश प्रेम से गा गा कर सुनाएं
कोरस:- रामलला है पूरण काज
श्री राम जय राम जय जय राम
M:- भक्तजनों आगे की कथा में दुखद मोड़ आया राजा अभिषेक की जगह बनवास हो गया राम जी को
वह बाजी अवध में बंधुओं की जाने की बधाइयां
खेल विधि का खेल गई केकई मैया
राजा अभिषेक की जगह वनवास दे दिया
बन को चले श्री राम संग में लखन सिया
महलों में रहने वाले बन के लिए जाएं -2
श्रीराम का यश प्रेम से गा गा कर सुनाएं
कोरस:- रामलला है पूरण काज
श्री राम जय राम जय जय राम
M:- भगवान वन पथ पर चल पड़े प्रयागराज होते चित्रकूट पहुंचे भगवान
मिलके निषादराज से केवट से पग धूलआ
और गंगा यमुना चित्रकूट धामा आ मिला
हाय भरत यहीं पर राम जी को मनाने
लौटे ले चरण पादुका वह राज्य चलाने
प्रभु पंचवटी आपके परम कुटिया बनाई
नारायण नर नीला का खेल दिखाए
श्रीराम का यश प्रेम से गा गा कर सुनाएं
कोरस:- रामलला है पूरण काज
श्री राम जय राम जय जय राम
M:- प्रेमी जनों आगे की कथा सीता मैया के हरण से लेकर के लंका दहन तक की है आइए सुनते हैं
सोने का हिरण देख के मोहित हुई सिया
रावण ने हरण छल से सिया का यही किया
सिया खोज में श्री राम को श्री हनुमान जी मिले
सुग्रीव से मिलकर के सिया खोजने लगे
हनुमान सिंधु पार कर के लंका जलाई
रामायण के सारे दंभ मन मोह मिटाए
श्रीराम का यश प्रेम से गा गा कर सुनाएं
कोरस:- रामलला है पूरण काज
श्री राम जय राम जय जय राम
M:- भक्तजनों राम रावण युद्ध हुआ भगवान श्री राम विजय हुए पुष्पक विमान से श्री अयोध्या धाम लौटे
ले वानरों की सेना राम लंका आ गए
रावण के शीश पर वो काल बनकर छा गए
रावण का उसके कुल सहित विनाश कर दिया
पुष्पक से अवध लौटे संग लखन सिया
संसारी जीव विजयादशमी पर्व मनाए
ओके सुखी त्रिलोक की दीपावली मनाएं
श्रीराम का यश प्रेम से गा गा कर सुनाएं
कोरस:- रामलला है पूरण काज
श्री राम जय राम जय जय राम
M:- प्रेमी जनों गुरु वशिष्ट जी के आशीर्वाद से भगवान का राज्य अभिषेक संपन्न होता है तीनों लोकों में परमानंद छा जाता है
राज्य अभिषेक फिर हुआ श्री रामचंद्र का
वर्णन किया ना जाए मुख से परमानंद का
फिर तीनो लोक 14 भुवन से सुखी हुए
जीवन से सब के पाप ताप शोक मिट गए
श्री राम के दरबार में सब शीश झुकाए 
श्री राम के दरबार में सब नाचे और गाएं
श्रीराम का यश प्रेम से गा गा कर सुनाएं
कोरस:- रामलला है पूरण काज
श्री राम जय राम जय जय राम
M:- ए भैया सुनो हमारे तो राम जी पिताजी हैं और सीता जी माताजी हैं
माता पिता है सारे जगत के श्री सीताराम
नगरी अयोध्या धन्य है जो बनी प्रभु का धाम
पग पग पर यहां रामलला के निशान हैं
कण-कण में राम जी कहां विराजमान हैं
माटी अवध की चूम चला भाग्य जगाएं
सरयू के दिव्य जल में चलो डुबकी लगाएं
श्रीराम का यश प्रेम से गा गा कर सुनाएं
कोरस:- रामलला है पूरण काज
श्री राम जय राम जय जय राम
M:- प्रेमी जनों रामलला सरकार तो विराजमान ही है अब संसार के सबसे सुंदर मंदिर में उनका दर्शन कीजिए
मंदिर विशाल भव्य दिव्या रामलला का
सर्वोच्च तीर्थ क्षेत्र है यह सारे जहां का
भारत को जाने सारा विश्व राम नाम से
सुख शांति विश्व पाएगा अयोध्या धाम से
हर कोने में धरती के रामराज्य ले आए
श्री राम की कृपा से प्रेम गंगा बहाए
श्रीराम का यश प्रेम से गा गा कर सुनाएं
कोरस:- रामलला है पूरण काज
श्री राम जय राम जय जय राम
M:- भक्तजनों राम काज से ही राष्ट्रीय कार्य संभव होगा और राम नाम से ही संसार के पाप मिटेंगे
हर कष्ट मिटाए बनाए सारे बिगड़े काम
श्री सीताराम सीताराम सीताराम नाम
दिन रात सुबह शाम सीता राम गाइए
सब सुख जगत के भोग राम धाम पाइए
श्री राम नाम जाप से जो चाहे वह पाए 
श्री राम नाम सारे पाप ताप मिटाई
श्रीराम का यश प्रेम से गा गा कर सुनाएं
कोरस:- रामलला है पूरण काज
श्री राम जय राम जय जय राम
रामलला है पूरण काज
श्री राम जय राम जय जय राम
M:- रामा हो रामा हो रामा हो
 

Singer - Prem Prakash Dubey