सीता जी के जन्म की अन्य कथा (Sita Ji K Janam Ki Anay Katha) - The Lekh


सीता जी के जन्म की अन्य कथा

Vivah Panchami - The marriage of Lord Rama and Goddess Sita

देवी सीता के जन्म की कथा वेदवती नाम की एक ब्राह्मण कन्या से संबंधित है जिसका उल्लेख ब्रह्मवैवर्त पुराण में मिलता है। इस कथा के के अनुसार  एक समय वेदवती भगवान विष्णु को पति के रूप में पाने के लिए तपस्या कर रही थीं।

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हिमालय पर भ्रमण करते हुए रावण की नजर वेदवती पर पड़ी और उसके मन में वेदवती से विवाह का विचार आया। वेदवती रावण से बचने के लिए उंचाई से कूद गईं और मृत्यु के समय वो रावण को श्राप दे गईं कि आगे के समय में वो पुनर्जन्म लेकर रावण की पुत्री बनेंगी और उसकी मृत्यु का कारण बनेंगी। माता सीता का जब जन्म हुआ तब अपनी मृत्यु के भय से रावण ने उसे धरती पर एक कलश में रखकर गाड़ दिया। 

Other story of Sita ji's birth

This story of the birth of Goddess Sita is related to a Brahmin girl named Vedavati, which is mentioned in the Brahmavaivarta Purana. According to this legend, once upon a time Vedavati was doing penance to get Lord Vishnu as her husband.

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While traveling on the Himalayas, Ravana's eyes fell on Vedvati and the idea of ​​marrying Vedvati came to his mind. Vedavati jumped from a height to escape from Ravana and at the time of her death she cursed Ravana that in future she will be reborn as Ravana's daughter and will be the cause of his death. When Mother Sita was born, out of fear of her death, Ravana buried her in an urn on the earth.

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Singer - The Lekh