तेरा ही लाल हूँ मैं,
कुछ तो माँ ख़याल करो,
बिठा गोद में मुझको भी,
थोड़ा प्यार करो,
तेरा ही लाल हूं मै,
कुछ तो माँ ख़याल करो।।
तर्ज – ना मूंह छुपा के जियो।
तुम्हारे प्यार का,
प्यासा ये दिल हमारा है,
मेरी इस नाव का,
तू ही तो माँ किनारा है,
पुकारूं मैं तुझे,
पुकारूं मैं तुझे,
मेरा भी बेड़ा पार करो,
तेरा ही लाल हूं मै,
कुछ तो माँ ख़याल करो।।
हजारो दोष है जिनका,
कोई हिसाब नहीं,
बिखरता पन्ना हूँ मैं तो,
कोई किताब नहीं,
मुझे समेत कर,
मुझे समेत कर,
मैया मेरा उद्धार करो,
तेरा ही लाल हूं मै,
कुछ तो माँ ख़याल करो।।
जहान से तोड़कर रिश्ता,
माँ तुमसे जोड़ लिया,
तू ही बता तूने मुझको,
भला क्यों छोड़ दिया,
तुम अपने प्यार की,
तुम अपने प्यार की,
मुझ पर भी फुहार करो,
तेरा ही लाल हूं मै,
कुछ तो माँ ख़याल करो।।
तेरा ही लाल हूँ मैं,
कुछ तो माँ ख़याल करो,
बिठा गोद में मुझको भी,
थोड़ा प्यार करो,
तेरा ही लाल हूं मै,
कुछ तो माँ ख़याल करो।।
Singer - उज्ज्वल खकोलिया