तेरे जैसो रे साँवरा,
कोई नहीं कोई नहीं,
कोई नहीं, कोई नहीं,
कोई नहीं, कोई नहीं,
तेरे जिसो रे साँवरा,
कोई नहीं कोई नहीं।।
तर्ज – सारे शहर में आप सा कोई नहीं।
दे आवाज जब भी बुलाऊँ,
आवे आवे रे दोड़्यो तू आवे,
मेरो संगी साथी बनके,
काम बिगड्या भी पल में बणावे,
जी में आवे तेरी खूब सेवा करूँ,
श्याम चरणा में तेरे मैं बैठ्यो रहूं,
सेवा करूँ , सेवा करूँ,
शंका शिकायत सांवरा,
कोई नहीं, कोई नहीं,
तेरे जिसो रे साँवरा,
कोई नहीं कोई नहीं।।
तेरे साथ साथ रहवु,
ग्वाल गोकुल को मन्ने बणा ले,
तू बजावे जईया बाजू,
श्याम बंसी ही मन्ने बणाले,
अब तो तेरे सिवा मेरो कोई नहीं,
अब तो तेरे सिवा मेरो कोई नहीं,
सारे संसार में बाबा कोई नहीं,
‘लहरी’ नहीं, कोई नहीं,
बंसी बजईया रास रचईया,
कोई नहीं, कोई नहीं,
तेरे जिसो रे साँवरा,
कोई नहीं कोई नहीं।।
तेरे जैसो रे साँवरा,
कोई नहीं कोई नहीं,
कोई नहीं, कोई नहीं,
कोई नहीं, कोई नहीं,
तेरे जिसो रे साँवरा,
कोई नहीं कोई नहीं।।
Singer - उमा लहरी