त्रिप्रयार श्री राम मंदिर (Triprayar Shri Ram Mandir) - The Lekh
GaanaGao1 year ago 388त्रिप्रयार श्री राम मंदिर
त्रिप्पैयार, यानी त्रिप्प्रयार श्री रामा मंदिर भारत के केरल राज्य मैं त्रिशूर नामक शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर में स्थित दक्षिण पश्चिमी शहर है।
यह मंदिर भगवान श्री राम को समर्पित है। हिन्दू पुराणो के अनुसार भगवान श्री विष्णु की रूप धरें मूर्तियां राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न को मिलते झुलते मूर्तियाँ त्रिप्प्रयार के किनारे आ पहुंचा और वक्केल कैमल नामक एक स्थानीय नेता द्वारा उन मूर्तियों को क्रमशः त्रिप्प्रयार, तिरुमूज़िक्कलम, कूडलमाणिक्कम और पैम्मेल आदि पुण्य स्थलों पर वेद घोशों के सहारे प्रथिष्टित किया गया। वक्केल कोविलाकम के वंशज दक्षिण की ओर चले गए और त्रिकपालेश्वर के भक्त बन गये और भगवान श्री क्रष्ण के कमल चरणों पर मुक्ति पाने के लिये, निराणं नामक एक जगह (तुडन्गयिल नाम से भी जान ने वाले) और तालवाड़ी नामक गाँव (चेरूस्सेरी मडम) में बस गए। तच्चुडाय कैमाल, जो कार्यवाहक के रूप में काम करता था इरिनजालाकुडा में निवास करते थे। एक ही दिन में इन सभी चार देवताओं की पूजा करना विशेष रूप से शुभधायक माना जाता है।
हनुमान जयंती व्रत, पूजा विधि, मंत्र और शुभ महूर्त
मूर्ति का रूप बहुत ही विशेश पूर्व है और चतुर भुज धारी विष्णु का रूप है (चतुरभुजा विष्णु) और राम दानव काड़ा पर विजेता के रूप में दिखाया गया है। कहा जाता है कि ब्रह्मा और शिवजी के अंश भी इस मूर्ती में शामिल है जिसके हिसाब से यह विग्रह एक त्रिमूर्ती माना जाता है। इस मंदिर की बाहरी आंगन में भगवान श्री अय्यप्प को दर्शन करके स्मरण करने का मंदिर बना हुआ है।
मंदिर के मुख्य त्यौहार पूरम हैं (मीनम नामक मलयालम महीने में आयोजित) और एकादशी उत्सव भी मनाया जाता है (जो नवंबर दिसंबर में आ पड़ता है). मंदिर में लोकप्रिय बलिदान (समर्पणं) में से एक-ऊट्टू (मछली को -खिलाना है मत्स्य आहार) है, जो नदी में तैरने वाली मछलियों के लिए चावल का अनाज खिलाने का प्रबंध मंदिर के एक सीमा के अन्दर नदी के किनारे किया गया है।
हनुमान जयंती कैसे मनाई जाती है?
कैसे वहाँ पहूँचे ? त्रिप्रयार, त्रिशूर से सड़क मार्ग में बहुत आराम से पहुँच सकते है, जो एक प्रमुख रेलवे स्टेशन भी है। यह कोच्चि के हवाई अड्डे से करीब 60 किलोमीटर दूर है।
Triprayar Shri Ram Mandir
Trippayar, i.e. Trippayar Sree Rama Temple, is a south-western town located about 25 km from the city of Thrissur in the state of Kerala, India.
This temple is dedicated to Lord Shri Ram. According to the Hindu Puranas, the idols of Lord Vishnu in the form of Rama, Lakshmana, Bharata and Shatrughna reached the banks of Triprayar and a local leader named Vakkel Camel placed those idols at the holy places of Triprayar, Tirumuzhikkalam, Koodalamanikkam and Pammel respectively. It was established with the help of Vedas. Descendants of Vakkel Kovilakam went south and became devotees of Trikapaleswarar and sought salvation at the lotus feet of Lord Sri Krishna, at a place called Niranam (also known as Tudangayil) and a village called Talwadi (Cherussery madam). settled down. Tachchudaya Kaimal, who worked as a caretaker, resided in Irinjalakuda. Worshiping all these four deities on a single day is considered especially auspicious.
The form of the idol is very typical East and is the form of Chatur Bhuja Dhari Vishnu (Chaturbhuja Vishnu) and Rama is shown as the victor over the demon Kara. It is said that parts of Brahma and Shivji are also included in this idol, according to which this deity is considered a Trimurti. In the outer courtyard of this temple, a temple has been built to remember Lord Sri Ayyappa after seeing him.
Hanuman Jayanti Vrat, Puja Vidhi, Mantra Aur Subh Mahurat
The main festivals of the temple are Pooram (held in the Malayalam month called Meenam) and Ekadashi festival (which falls in November-December). One of the popular sacrifices (samarpanam) in the temple is oottu (fish-feeding), which is the feeding of rice grains to the fishes swimming in the river, within a precinct of the temple, on the banks of the river.
Hanuman Jayanti Kaise Manai Jati Hai?
how to reach there Triprayar is easily accessible by road from Thrissur, which is also a major railway station. It is about 60 kilometers away from Kochi airport.
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Singer - The Lekh