M:- जय सिया राम प्रेमीजनों आज हम आपको तुलसी के बारे में कुछ बातएंगे तुलसी जी पौधा नहीं है यह जीवन का अंग है संत कहते है -
"तुलसी वृक्ष ना जानिये।
गाय ना जानिये ढोर।
गुरू मनुज ना जानिये।
ये तीनों नन्दकिशोर।
प्रेमीजनों तुलसी को कभी पेड़ ना समझें वृक्ष न समझे गाय माता को कभी पशु समझे और
गुरू को साधारण मनुष्य समझने की भूल ना करें,क्योंकि ये तीनों ही साक्षात भगवान स्वरूप हैं"।
ऊं नमो भगवते वासुदेवाय ऊं नमो भगवते वासुदेवाय
प्रेमीजनों तुलसी नाखुनो से नहीं तोडना चाहिए शयन काल के बाद तो तुलसी का स्पर्श भी ना करे रविवार को तो तुलसी पत्र भी ना तोड़े जो स्त्री तुलसी की पूजा करती है उनका सौभाग्य अखंड रहता है उनके घर सुख समृद्धि व् शांति का वास रहता है घर की आवो हवा हमेशा ठीक रहती है अच्छी रहती है वातावरण पोसिटिव रहता है |
प्रेमीजनों द्वादशी के दिन तुलसी को नहीं तोडना चाहिए सायकाल के बाद तुलसी जी लीला करने जाती है तुलसी जी वृक्ष नहीं है साक्षात् राधा रानी का स्वरूप है भक्तजनो तुलसी के पत्तो को कभी चबाना नहीं चाहिए तुलसी के पौधे का महत्व धर्म शास्त्रों में भी बखूबी बताया गया है तुलसी के पौधे को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे से कई आध्यात्मिक बाते जुडी है शाहत्रीय मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु को तुलसी अत्यधिक प्रिय है तुलसी के पत्तो के बिना भगवान विष्णु की पूजा अधूरी मानी जाती है क्युकी भगवान विष्णु के प्रसाद बिना तुलसी दल के पूर्ण नहीं होता तुलसी की प्रतिदिन का पूजा करना और पौधे में जल अर्पित करना हमारी प्राचीन परम्परा है मान्यता है की जिस घर में प्रतिदिन तुलसी की पूजा होती है वह सुख समृद्धि सौभाग्य बना रहता है कभी कोई महसूस नहीं होती जिस घर में तुलसी का पौधा होता है उस घर की कलह और अशांति दूर हो जाती है घर परिवार पर माँ की विशेष कृपा बनी रहती है |
प्रेमीजनों धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के पत्तो के सेवन से भी देवी देवताओ की विशेष कृपा प्राप्त होती है जो व्यक्ति प्रतिदिन तुलसी का सेवन करता है उसका शरीर अनेक चंद्रण फल के समान पवित्रता प्राप्त कर लेता है तुलसी के पत्ते पानी में डालकर स्नान करना तीर्थो के स्नान के बराबर कहा गया है मान्यता है की जो भी व्यक्ति ऐसा करता है वह सभी यज्ञो में बैठने का अधिकारी होता है भक्तजनो भगवान तुलसी का भोग तुलसी के बिना अधूरा माना जाता है इसका कारण यह बताया जाता है की तुलसी भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है कार्तिक महीने में तुलसी जी और शालिग्राम का विवाह किया जाता है कार्तिक माह में तुलसी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है शास्त्रों में कहा गया है की तुलसी पूजन और उसके पत्तो को तोड़ने के लिए नियमो का पालन करना अति आवश्यक है
तुलसी पूजन के नियम -
तुलसी का पौधा हमेशा घर के आंगन में लगाना चाहिए आज के दौर में जगह का अभाव होने की वजह तुलसी का पौधा बालकनी में लगा सकते है रोज सुबह स्वच्छ होकर तुलसी के पौधे में जल दे और उसकी परिक्रमा करे सायकाल तुलसी के पौधे के निचे घी का दीपक जलाये शुभ होता है भगवान गणेश शिव और माँ दुर्गा को तुलसी ना चाहा है आप कभी भी तुलसी का पौधा लगा सकते है लेकिन कार्तिक माह में तुलसी लगाना सबसे उत्तम होता है तुलसी ऐसी जगह पर लगाए जहाँ पूरी तरह से स्वछता हो सफाई हो तुलसी के पोधो को कांटेदार पोधो के साथ ना रखे |
Singer - Prem Prakash Dubey