तुलसी माला धारण करने के नियम (Tulsi Mala Dharan Karne Ke Niyam) - The Lekh


तुलसी माला धारण करने के नियम 

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे के अलावा उसकी माला का भी बहुत महत्व है। सनातन धर्म में कहा जाता है कि तुलसी के पौधे में देवी लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु का भी वास होता है। हर घर में तुलसी जी का पौधा लगाना शुभ माना जाता है। तुलसी की जड़ में भगवान शालिग्राम का वास होता है। ऐसा माना जाता है कि तुलसी में देवी लक्ष्मी का वास होता है और अगर तुलसी की माला से भगवान विष्णु के मंत्र का जाप किया जाए तो यह अधिक फलदायी होता है।

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तुलसी की माला पहनने के नियम

1. तुलसी की माला पहनने के कई सख्त नियम हैं। इस माला को पहनने वाले व्यक्ति को सदैव सात्विक भोजन करना चाहिए। मांस, मदिरा के अलावा तामसिक भोजन से भी दूर रहना चाहिए।

2. जिस व्यक्ति ने तुलसी की माला पहनी है उसे बार-बार गलती से भी माला नहीं उतारनी चाहिए।

3. तुलसी की माला पहनने से पहले उसे गंगा जल से अच्छी तरह शुद्ध करना जरूरी है। माला सूखने पर ही धारण करना चाहिए।

4. जो व्यक्ति तुलसी की माला पहनता है उसे रुद्राक्ष की माला नहीं पहननी चाहिए। इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है।

5. अगर आप गले में तुलसी की माला नहीं पहन सकते तो आप इसे अपने दाहिने हाथ में पहन सकते हैं। इसमें शर्त यह है कि इस माला को दैनिक कर्म के समय उतारकर रखना होगा। इसे गंगाजल से शुद्ध करने के बाद ही धारण करें।

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तुलसी की माला पहनने के लाभ

तुलसी की माला पहनने से आपको कई लाभ मिल सकते हैं। तुलसी पूजनीय होने के साथ-साथ औषधीय गुणों से भी भरपूर है। यह कई बीमारियों को दूर भगाता है। ऐसा कहा जाता है कि तुलसी की माला पहनने से मन और आत्मा दोनों शुद्ध होते हैं और मन में सकारात्मक विचार बढ़ते हैं।

 

Rules for wearing Tulsi Mala

In Hinduism, apart from the Tulsi plant, its garland is also very important. It is said in Sanatan Dharma that along with Devi Lakshmi, Bhagwan Vishnu also resides in the Tulsi plant. Planting a Tulsi plant in every house is considered auspicious. Bhagwan Shaligram resides in the root of Tulsi. It is believed that Devi Lakshmi resides in Tulsi and it is more fruitful if the mantra of Bhagwan Vishnu is chanted with Tulsi garland.

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Rules of wearing Tulsi garland

1. There are many strict rules for wearing Tulsi garland. The person wearing this garland should always eat pure food. Apart from meat, alcohol, one should also stay away from tamasic food.

2. The person who has worn Tulsi garland should not remove the garland even by mistake again and again.

3. Before wearing Tulsi garland, it is necessary to purify it thoroughly with Ganges water. The garland should be worn only when it is dry.

4. The person who wears the mala of Tulsi should not wear the mala of Rudraksh. It has the opposite effect.

5. If you cannot wear Tulsi garland around your neck, then you can wear it in your right hand. The condition in this is that this garland has to be taken off at the time of daily work. Wear it only after purifying it with Gangajal.

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Benefits of wearing tulsi mala

You can get many benefits by wearing Tulsi Mala. Apart from being revered, Tulsi is also full of medicinal properties. It drives away many diseases. It is said that wearing a mala of Tulsi purifies both the mind and soul and increases positive thoughts in the mind.

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