हंसराज रघुवंशी के 8 सबसे सुंदर शिव भजन (8 Most Beautiful Shiva Bhajans by Hansraj Raghuvanshi) - Hansraj Raghuvanshi
GaanaGao1 year ago 468हंसराज रघुवंशी के 8 सबसे सुंदर शिव भजन (8 Most Beautiful Shiva Bhajans by Hansraj Raghuvanshi)
1. लागी लगन शंकरा
2. मेरा भोला है भंडारी
3. ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
4. गंगा किनारे
5.भोलेनाथ जी
6. शिव शिव शंकरा
7. शिव समा रहे मुझ में
8. शिव कैलाशों के वासी
लागी लगन शंकरा (Laagi Lagan Shankara)
भोले बाबा तेरी क्या ही बात है,
भोले शंकरा तेरी क्या ही बात है,
दूर होके भी तू साथ है,
ओ दूर होके भी तू साथ है ।
मन को मोह लेने वाला भजन: जय शम्भु जय जय शम्भू
खुद को मैं कर दूंगा तुझको समर्पण,
मैं तेरा अंश हूँ तू मेरा दर्पण,
तेरे ही होने से मेरी ये सारी ज़िन्दगी सजी है ।
लागी मेरी तेरे संग लगी ओ मेरे शंकरा,
लागी मेरी तेरे संग लगी ओ मेरे शंकरा,
लागी मेरी प्रीत तेरे संग मेरे शंकरा,
लागी मेरी प्रीत तेरे संग मेरे शंकरा ।
तू पिता है मेरा और तू ही रहेगा,
मेरी हर गलती को हंस कर सहेगा,
तेरे जाप से मन का उड़ गया है रे पंछी,
सब तेरी बदोलत है आज रघुवंशी ।
तू सक्षम है और तू ही विशाल है,
तू उत्तर है और तू ही सवाल है,
तू ही सत्य बाकी ज़िन्दगी बिना सगी है ।
लागी मेरी तेरे संग लगी ओ मेरे शंकरा,
लागी मेरी तेरे संग लगी ओ मेरे शंकरा,
लागी मेरी प्रीत तेरे संग मेरे शंकरा,
लागी मेरी प्रीत तेरे संग मेरे शंकरा ।
ध्यान में है मगन,
तन पे ओढ़ कर के रे चोली,
मुझे अपने रंग में रंग दे,
संग खेल मेरे होली ।
ना आसन है नीचे ना है कोई खटोली,
मुझे अपने रंग में रंग दे संग खेल मेरे होली,
बस भी करो अब मेरे शंकरा,
भांग रगड़ के बोली ये गौरा,
तुम नहीं राजे हो गौरा लौट के रजी है ।
लागी मेरी तेरे संग लगी ओ मेरे शंकरा,
लागी मेरी तेरे संग लगी ओ मेरे शंकरा,
लागी मेरी प्रीत तेरे संग मेरे शंकरा,
लागी मेरी प्रीत तेरे संग मेरे शंकरा ।
हंसराज रघुवंशी का सबसे मनमोहक भजन: गौरी शंकर
लागी मेरी तेरे संग लगी ओ मेरे शंकरा
लागी मेरी तेरे संग लगी ओ मेरे शंकरा
लागी मेरी तेरे संग लगी ओ मेरे शंकरा
लागी मेरी तेरे संग लगी ओ मेरे शंकरा ।
मेरा भोला है भंडारी (Mera Bhola Hai Bhandari)
मेरा भोला है भंडारी,
करता नंदी कि सवारी
भोले नाथ रे, ओ शंकर नाथ रे ॥
भोले बाबा से प्रार्थना: आया हूँ भोले मैं तेरे द्वार
भोले भोले भोले भोले…
महादेवा…. शम्भो ॥
सबना दा रखवाला ओ शिवजी,
डमरूवा वाला जी, डमरूवा वाला,
ऊपर कैलाश रेहंदा भोले नाथ जी ॥
शम्भो..
धर्मिया जो तारदे शिवजी,
पापिया जो मारदा जी,
पापिया जो मारदा,
बड़ा ही दयाल मेरा भोले अमली ॥
ॐ नमः शिवाय शम्भो, ॐ नमः शिवाय ॥
ॐ नमः शिवाय शम्भो, ॐ नमः शिवाय ॥
महादेवा तेरा डमरू डम डम,
डम डम बजतो जाए रे,
हो….. महादेवा….॥
ॐ नमः शिवाय शंभू, ॐ नमः शिवाय ॥
ॐ नमः शिवाय शंभू, ॐ नमः शिवाय ॥
सर से तेरे बहती गंगा,
काम मेरा हो जाता चंगा,
नाम तेरा जब लेता ॥
महादेवा…. शंभो
मां पिया दे घरे ओ गोरा,
महला च रेहंदी जी,
महला च रेहंदी,
विच समसाना रहंदा भोलेनाथ जी ॥
कालेया कुंडला वाला,
मेरा भोले बाबा,
किधर कैलाशा तेरा डेरा ओ जी ॥
सर पे तेरे ओ गंगा मैया विराजे,
मुकुट पे चंदा मामा ओ जी ॥
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय शंभू, ॐ नमः शिवाय ॥
भंग जे पिन्दा ओ शिवजी,
धुनी रमांदा जी,
धुनी रमांदा,
बड़ा ही तपारी मेरा भोले अमली ॥
मेरा भोला है भंडारी,
करता नंदी कि सवारी
भोले नाथ रे, ओ शंकर नाथ रे ॥
मेरा भोला है भण्डारी,
करे नंदी की सवारी,
शम्भुनाथ रे, शंकर नाथ रे ॥
गौरा भांग रगड़ के बोली,
तेरे साथ है भूतो की टोली,
मेरे नाथ रे, शम्भु नाथ रें ॥
ओ भोले बाबा जी,
दर तेरे मैं आया जी,
झोली खाली लाया जी,
खाली झोली भरदो जी ॥
कालेया सर्पा वाला,
मेरा भोले बाबा,
शिखरे कैलाशा विच रहंदा ओ जी ॥
भोले भोले भोले भोले…..
महादेवा…. शम्भो
ॐ नमः शिवाय शम्भो, ॐ नमः शिवाय ॥
ॐ नमः शिवाय शम्भो, ॐ नमः शिवाय ॥
हंसराज रघुवंशी का सबसे मनमोहक भजन : पार्वती बोली शंकर से
मेरा भोला है भण्डारी,
करे नंदी की सवारी,
शम्भुनाथ रे, शंकर नाथ रे ॥
ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने (Aisa Damaru Bajaya Bholenath Ne)
मैं हिमाचल की बेटी,
मेरा भोला बसे काशी |
सारी उमर तेरी सेवा करुँगी,
बनकर तेरी दासी ||
शम्भू .. शिव शिव शिव शिव शम्भू,
शिव शिव शिव शिव शम्भू ||
ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया,
बम बम..
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया |
बम बम..
ऐंसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया || ||
डमरू को सुनकर जी कान्हा जी आए,
कान्हा जी आए संग राधा भी आए,
डमरू को सुनकर जी कान्हा जी आए,
कान्हा जी आए संग राधा भी आए |
वहाँ सखियों का मन भी मगन हो गया,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया,
ऐंसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया || ||
डमरू को सुनकर जी गणपति चले,
गणपति चले संग कार्तिक चले,
डमरू को सुनकर जी गणपति चले,
गणपति चले संग कार्तिक चले |
वहाँ अम्बे का मन भी मगन हो गया,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया,
ऐंसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया || ||
डमरू को सुनकर जी रामा जी आए,
रामा जी आए संग लक्ष्मण जी आए,
मैया सिता का मन भी मगन हो गया,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया,
बम बम..
ऐंसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया || ||
डमरू को सुनकर के ब्रम्हा चले,
यहाँ ब्रम्हा चले वहाँ विष्णु चले,
डमरू को सुनकर के ब्रम्हा चले,
यहाँ ब्रम्हा चले वहाँ विष्णु चले |
मैया लक्ष्मी का मन भी मगन हो गया,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया,
ऐंसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया || ||
डमरू को सुनकर जी गंगा चले,
गंगा चले वहाँ यमुना चले,
डमरू को सुनकर जी गंगा चले,
गंगा चले वहाँ यमुना चले,
वहाँ सरयू का मन भी मगन हो गया,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया,
ऐंसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया || ||
डमरू को सुनकर जी सूरज चले,
सूरज चले वहाँ चंदा चले,
डमरू को सुनकर जी सूरज चले,
सूरज चले वहाँ चंदा चले |
सारे तारों का मन भी मगन हो गया,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया,
ऐंसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया || ||
जुबिन नौटियाल का मधुर भजन : मेरे भोले नाथ
ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया,
बम बम..
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया |
बम बम..
ऐंसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया || ||
गंगा किनारे (Ganga Kinaare)
बम बम भोला, बम बम भोला,
कह साधु कह गए कबीरा,
कह साधु कह गए फकीरा,
क्या तेरा क्या मेरा कबीरा,
सारा ये खेल है तकदीरों का,
क्या तूने ले जाणा, सब यहीं रह जाणा,
गंगा किनारे चल जाणा,
मिटटी है मूरत, जींद है निमाणी,
गंगा किनारे चल जाणा,
मुड़ के फिर नहीं आना,
लक्खा जी का सुपरहिट भजन: शिव शंकर डमरू वाले
ये जीवन तेरा लकड़ी का पुतला,
ये ज़ीवन तेरा लकड़ी का पुतला,
आग लगे जल जाणा,
मुड़के फिर नहीं आना,
मिटटी है मूरत, जींद है निमाणी,
गंगा किनारे चल जाणा,
मुड़ के फिर नहीं आना,
ये जीवन तेरा माटी का पुतला,
ये जीवन तेरा माटी का पुतला,
माटी में ही मिल जाणा,
गंगा किनारे चल जाणा,
मिटटी है मूरत, जींद है निमाणी,
गंगा किनारे चल जाणा,
मुड़ के फिर नहीं आना,
ये जीवन तेरा मोह धागे,
गाँठ लगे टूट जाणा,
मुड़ के फिर नहीं आणा,
गंगा किनारे चल जाणा,
मिटटी है मूरत, जींद है निमाणी,
गंगा किनारे चल जाणा,
मुड़ के फिर नहीं आना,
तेरे अपने ही तुझको जलाएंगे,
कुछ दिन रोएंगे फिर भूल जायेंगे,
भोले जी का सबसे मनमोहक भजन: सज रहे भोले बाबा
गंगा किनारे चल जाणा,
मुड़ के फिर नहीं आणा,
मिटटी है मूरत, जींद है निमाणी,
गंगा किनारे चल जाणा,
मुड़ के फिर नहीं आना,
भोलेनाथ जी (Bholenath Ji)
गूंजे अंबर बरसे सावन
भक्त वी आए तुझे मनावन
गूंजे अंबर बरसे सावन
भक्त वी आए तुझे मनावन
सबसे सुन्दर भजन: डम डम डमरू बाजे
कल कल बहती जाए नदियां
बजे जो डमरू लगे सब गावन
लाए है टोली भूतों की साथ जी
पधारे वीराने में भोलेनाथ जी
पधारे वीराने में भोलेनाथ जी
पधारे वीराने में शंभुनाथ जी
धरती सूरज चंदा सारे
तीनो लोक से आए है
बहुत भयंकर प्रेत भी है संग
ढोल नगाड़े लाए है
धरती सूरज चंदा सारे
तीनो लोक से आए है
बहुत भयंकर प्रेत भी है संग
ढोल नगाड़े लाए है
मुख से भोले भोले निकले
क्या है बात जी
पधारे वीराने में भोलेनाथ जी
पधारे वीराने में भोलेनाथ जी
पधारे वीराने में शंभुनाथ जी
आदि-नाथ ओ स्वरुप, उदय-नाथ उमा-महि-रुप
जल-रुपी ब्रह्मा सत-नाथ, रवि-रुप विष्णु सन्तोष-नाथ।
आदि-नाथ कैलाश-निवासी, उदय-नाथ काटै जम-फाँसी
सत्य-नाथ सारनी सन्त भाखै, सन्तोष-नाथ सदा संतन की राखे
भोले के रंग अजब निराले
पिए जो भोला विष के प्याले
नंदी पर करते है सवारी
गले में है वासुकी डाले
भोले के रंग अजब निराले
पिए जो भोला विष के प्याले
नंदी पर करते है सवारी
गले में है वासुकी डाले
सबसे ऊँचा नाम है नाथों के नाथ जी
पधारे वीराने में भोलेनाथ जी
पधारे वीराने में भोलेनाथ जी
पधारे वीराने में शंभुनाथ जी
मन को मोह लेने वाला भजन: जय शम्भु जय जय शम्भू
पधारे वीराने में भोलेनाथ जी
पधारे वीराने में भोलेनाथ जी
पधारे वीराने में शंभुनाथ जी.
शिव शिव शंकरा (Shiv Shiv Shankara)
शिव शिव शंकरा शिव शंकरा,
शिव शिव शंकरा शिव शंकरा,
शिव शिव शंकरा नमः शिवाय,
मेरे साथ चलना मेरे संग रहना,
मेरे कष्टों को भस्म करना,
शिव शिव शंकरा नमः शिवाय,
शिव शिव शंकरा नमः शिवाय,
हंसराज रघुवंशी का सबसे मनमोहक भजन: गौरी शंकर
माथे पे तेरे चंदा बिराजै,
गंगा जटा के बीच समाए शंकरा,
काल भी तू है, महाकाल तू है,
त्रिलोक भी तू, शिव भी तू ही, शंकरा
मेरा भोला है भंडारी,
करे सबकी ये रखवाली,
चाहे राजा हो भिखारी,
सुनता सबकी बारी बारी,
शिव शिव शंकरा नमः शिवाय,
शिव शिव शंकरा नमः शिवाय,
गोदी में तेरे गणपत बिराजै,
तेरे अंग संग रहे गौरा मैया, शंकरा,
सर पे बिठाये गौरा की सौतन,
जिसे लोग कहते है गंगा मैया, शंकरा,
जटा विच गंगा बहती है,
गौरजा पुछदी रहती ऐ,
तू दस मेरे भोले,
गंगा तेरी की लगदी ऐ,
तेरे दर पे आया बाबा,
झोली खाली लाया बाबा,
जल चढ़ाने आया बाबा
बड़ी दूर से आया बाबा
तेरे दर की शान निराली
संग बिठाये माँ गढ़ काली
संग बिठाये भैरव बाबा
तू ही साधु अखंड धारी
शिव शंकरा नमः शिवाय
भोले बाबा से प्रार्थना: आया हूँ भोले मैं तेरे द्वार
शिव शिव शंकरा नमः शिवाय,
मेरे साथ चलना, मेरे संग रहना,
मेरे कष्टों को, भस्म करना,
शिव शिव शंकरा नमः शिवाय
शिव शिव शंकरा शिव शंकरा,
शिव शिव शंकरा शिव शंकरा,
शिव शिव शंकरा नमः शिवाय,
मेरे साथ चलना मेरे संग रहना,
मेरे कष्टों को भस्म करना,
शिव शिव शंकरा नमः शिवाय,
शिव शिव शंकरा नमः शिवाय,
शिव समा रहे मुझ में (Shiv Sama Rahe Mujh Me)
शिव समा रहे मुझ में,
और मैं शून्य हो रहा हूँ।
शिव समा रहे मुझ में,
और मैं शून्य हो रहा हूँ।
क्रोध को लोभ को,
क्रोध को, लोभ को,
मैं भस्म कर रहा हूँ,
शिव समा रहे मुझ में,
और मैं शून्य हो रहा हूँ।
ॐ नमः शिवाय,
शिव समा रहे मुझ में,
और मैं शून्य हो रहा हूँ।
ॐ नमः शिवाय,
ब्रह्ममुरारि सुरार्चित लिंगम्
निर्मलभासित शोभित लिंगम्।
जन्मज दुःख विनाशक लिंगम्
तत् प्रणमामि सदाशिव लिंगम्
ब्रह्ममुरारि सुरार्चित लिंगम्
निर्मलभासित शोभित लिंगम्।
जन्मज दुःख विनाशक लिंगम्
तत् प्रणमामि सदाशिव लिंगम्
शिव की बनाई दुनियाँ मैं,
कोई शिव सा मिला नहीं,
मैं तो भटका दर बदर,
कोई किनारा मिला नहीं,
जितना पास शिव को पाया,
उतना खुद से दूर जा रहा हूँ,
शिव समा रहे मुझ में,
और मैं शून्य हो रहा हूँ।
ॐ नमः शिवाय,
शिव समा रहे मुझ में,
और मैं शून्य हो रहा हूँ।
ॐ नमः शिवाय,
मैंने खुद को खुद ही बाँधा,
अपनी खींची लकीरों में,
मैं लिपट चूका था,
इच्छा की जंजीरों में,
अनंत की गहराइयों में,
समय से दूर हो रहा हूँ,
शिव समा रहे मुझ में,
और मैं शून्य हो रहा हूँ।
ॐ नमः शिवाय,
शिव समा रहे मुझ में,
और मैं शून्य हो रहा हूँ।
ॐ नमः शिवाय,
हंसराज रघुवंशी का सबसे मनमोहक भजन : पार्वती बोली शंकर से
वो सुबह की पहली किरण में,
वो कस्तूरी बन के हिरण में,
मेघों में गरजें, गरजे गगन में,
रमता जोगी, रमता गगन में,
वो ही वायु में, वो ही आयु में,
वो जिस्म में, वो ही रूह में,
वो ही छाया में, वो ही धुप में,
वो ही है एक रूप में,
भोले, क्रोध को लोभ को,
क्रोध को, लोभ को,
मैं भस्म कर रहा हूँ,
शिव समा रहे मुझ में,
और मैं शून्य हो रहा हूँ।
ॐ नमः शिवाय,
शिव समा रहे मुझ में,
और मैं शून्य हो रहा हूँ।
ॐ नमः शिवाय।
शिव कैलाशों के वासी (Shiv Kailasho Ke Wasi)
शिव कैलाशों के वासी,
धौली धारों के राजा,
शंकर संकट हरना,
शंकर संकट हरना ।
तेरे कैलाशों का अंत ना पाया,
तेरे कैलाशों का अंत ना पाया,
अंत बेअंत तेरी माया,
ओ भोले बाबा,
अंत बेअंत तेरी माया,
शिव कैलाशों के वासी,
धौली धारों के राजा,
शंकर संकट हरना,
शंकर संकट हरना ।
बेल की पत्तियां भांग धतुरा,
बेल की पत्तियां भांग धतुरा,
शिव जी के मन को लुभायें,
ओ भोले बाबा,
शिव जी के मन को लुभायें
शिव कैलाशों के वासी,
धौली धारों के राजा,
शंकर संकट हरना,
शंकर संकट हरना ।
एक था डेरा तेरा,
चम्बे रे चौगाना,
दुज्जा लायी दित्ता भरमौरा,
ओ भोले बाबा,
दुज्जा लायी दित्ता भरमौरा,
शिव कैलाशो के वासी,
धौली धारों के राजा,
शंकर संकट हरना,
शंकर संकट हरना ।
जुबिन नौटियाल का मधुर भजन : मेरे भोले नाथ
शिव कैलाशो के वासी,
धौली धारों के राजा,
शंकर संकट हरना,
शंकर संकट हरना ।
Singer - Hansraj Raghuvanshi
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