गुलशन कुमार के शीर्ष 10 सर्वश्रेष्ठ शिव भजन (Top 10 Best Shiv Bhajans By Gulshan Kumar) - By Gulshan Kumar


गुलशन कुमार के शीर्ष 10 सर्वश्रेष्ठ शिव भजन (Top 10 Best Shiv Bhajans By Gulshan Kumar)

1. शिव शंकर को जिसने पूजा

2. सुबह-सुबह ले शिव का नाम

3. हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ

4. हे भोले शंकर पधारो

6. चलो शिव शंकर के मंदिर में

7. ज्योतिर्लिंग का ध्यान करो

8. चलो भोले बाबा के द्वारे

9. महादेव शंकर हैं जग से निराले

10. शिव चालीसा

 

11. ॐ जय शिव ओमकारा आरती

शिव शंकर को जिसने पूजा (Shiv Shankar Ko Jisne Pooja)

शिव शंकर को जिसने पूजा,

उसका ही उद्धार हुआ,

अंत काल को भवसागर में,

उसका बेडा पार हुआ ।

लक्खा जी का सुपरहिट भजन: शिव शंकर डमरू वाले

भोले शंकर की पूजा करो,

ध्यान चरणों में इसके धरो,

हर हर महादेव शिव शम्भू,

हर हर महादेव शिव शम्भू ।

हर हर महादेव शिव शम्भू…

 

डमरू वाला है जग में दयालु बड़ा,

दीन दुखियों का देता जगत का पिता,

सब पे करता है ये भोला शंकर दया,

सबको देता है ये आसरा ।

 

इन पावन चरणों में अर्पण,

आकर जो इक बार हुआ,

अंतकाल को भवसागर में,

उसका बेडा पार हुआ ।

शिव शंकर को जिसने पूजा,

उसका ही उद्धार हुआ ।

भोले जी का सबसे मनमोहक भजन: सज रहे भोले बाबा

नाम ऊँचा है सबसे महादेव का,

वंदना इसकी करते है सब देवता,

इसकी पूजा से वरदान पातें हैं सब,

शक्ति का दान पातें हैं सब ।

 

नाथ असुर प्राणी सब पर ही,

भोले का उपकार हुआ,

अंत काल को भवसागर में,

उसका बेडा पार हुआ ।

 

शिव शंकर को जिसने पूजा,

उसका ही उद्धार हुआ,

अंत काल को भवसागर में,

उसका बेडा पार हुआ ।

सबसे सुन्दर भजन: डम डम डमरू बाजे

भोले शंकर की पूजा करो,

ध्यान चरणों में इसके धरो,

हर हर महादेव शिव शम्भू,

हर हर महादेव शिव शम्भू ।

हर हर महादेव शिव शम्भू…

सुबह सुबह ले शिव का नाम (Subah Subah Le Shiv Ka Naam)

सुबह सुबह ले शिव का नाम,

कर ले बन्दे यह शुभ काम ।

सुबह सुबह ले शिव का नाम,

शिव आयेंगे तेरे काम ॥

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय...

मन को मोह लेने वाला भजन: जय शम्भु जय जय शम्भू

खुद को राख लपेटे फिरते,

औरों को देते धन धाम ।

देवो के हित विष पी डाला,

नीलकंठ को कोटि प्रणाम ॥

॥ सुबह सुबह ले शिव...॥

 

शिव के चरणों में मिलते है,

सारी तीरथ चारो धाम ।

करनी का सुख तेरे हाथों,

शिव के हाथों में परिणाम ॥

॥ सुबह सुबह ले शिव...॥

हंसराज रघुवंशी का सबसे मनमोहक भजन: गौरी शंकर

शिव के रहते कैसी चिंता,

साथ रहे प्रभु आठों याम ।

शिव को भजले सुख पायेगा,

मन को आएगा आराम ॥

॥ सुबह सुबह ले शिव...॥

 

सुबह सुबह ले शिव का नाम,

कर ले बन्दे यह शुभ काम ।

सुबह सुबह ले शिव का नाम,

शिव आयेंगे तेरे काम ॥

हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ (Hey Shambhu Baba Mere Bhole Nath)

शिव नाम से है,

जगत में उजाला ।

हरी भक्तो के है,

मन में शिवाला ॥

भोले बाबा से प्रार्थना: आया हूँ भोले मैं तेरे द्वार

हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ,

तीनो लोक में तू ही तू ।

श्रद्धा सुमन मेरा,

मन बेलपत्री,

जीवन भी अर्पण कर दूँ ॥

 

जग का स्वामी है तू,

अंतरयामी है तू,

मेरे जीवन की,

अनमिट कहानी है तू ।

तेरी शक्ति अपार,

तेरा पावन है द्वार,

तेरी पूजा ही,

मेरा जीवन आधार ।

धुल तेरे चरणों की ले कर,

जीवन को साकार किया ॥

॥ हे शम्भू बाबा...॥

 

मन में है कामना,

कुछ मैं और जानू ना,

ज़िन्दगी भर करू,

तेरी आराधना।

सुख की पहचान दे,

तू मुझे ज्ञान दे,

प्रेम सब से करूँ,

ऐसा वरदान दे ।

तुने दिया बल निर्बल को,

अज्ञानी को ज्ञान दिया ॥

॥ हे शम्भू बाबा...॥

शिव : नमस्काराथा मंत्र

हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ,

तीनो लोक में तू ही तू।

श्रद्धा सुमन मेरा,

मन बेलपत्री,

जीवन भी अर्पण कर दूँ॥

हे भोले शंकर पधारो (Hey Bhole Shankar Padharo)

हे भोले शंकर पधारो हे भोले शम्भू पधारो

बैठे छिप के कहाँ जटा धारी पधारो

बैठे छिप के कहाँ, गंगा जटा में तुम्हारी

गंगा जटा में तुम्हारी, हम प्यासे यहाँ ॥

महा सती के पति मेरी सुनो वंदना ।

हे भोले शंकर पधारो बैठे छिप के कहाँ

आओ मुक्ति के दाता पड़ा संकट यहाँ ॥

महा सती के पति बोलो छुपे हो कहाँ हे॥

भोले शंकर पधारो ॥

हंसराज रघुवंशी का सबसे मनमोहक भजन : पार्वती बोली शंकर से

बगीरथ को गंगा प्रभु तुमने दी थी,

सगर जी के पुत्रों को मुक्ति मिली थी ।

इच्छा तुम्हारी बिना कुछ भी नहीं होता ॥

हे भोले शम्भू पधारो हे गौरी शंकर पधारो

किस ने रोके वहां,आयो भसम रमयिया

सब को तज के यहाँ सब को तज के यहाँ ॥

भोले शंकर पधारो ॥

 

मेरी तपस्या का फल चाहे लेलो,

गंगा जल अब अपने भक्तो को दे दो ।

प्राण पखेरू कहीं प्यासा उड़ जाए ना,

कोई तेरी करुना पे उंगली उठाए ना ॥

भिक्षा मैं मांगू जन कल्याण की,

भिक्षा मैं मांगू जन कल्याण की,

इच्छा करो पूरी गंगा स्नान की ॥

अब ना देर करो, आके कष्ट हरो,

मेरी बात रख लो, मेरी लाज रख लो ॥

हे भोले गंगधर पधारो, हे भोले विषधर पधारो,

डोरी टूट जाए ना, मेरा जग में नहीं कोई

तेरे बिना मेरा जग में नहीं कोई तेरे बिना ॥

भोले शंकर पधारो ॥

कालभैरव अष्टकम

नंदी की सौगंध तुमे, वास्ता कैलाश का,

बुझ ना देना दीया मेरे विशवास का ।

पूरी यदि आज ना हुई मनोकामना,

फिर दीनबंधू होगा तेरा नाम ना ।

भोले नाथ पधारो, उमा नाथ पधारो

तुमने तारा जहां,आओ महा सन्यासी

अब तो आ जाओ ना आओ महा सन्यासी अब तो आ जाओ ना ॥

भोले शंकर पधारो ॥

चलो शिव शंकर के मंदिर में (Chalo Shiv Shankar Ke Mandir Me)

जय जय शिव शम्भू 

जय जय शिव शम्भू 

जुबिन नौटियाल का मधुर भजन : मेरे भोले नाथ

लिया नाम जिसने भी शिवजी का मन से 

उसे भोले शंकर ने अपना बनाया 

खुले उसपे सब द्वार शिव कि दया के 

जो श्रद्दा से भोले के मंदिर में आया 

 

हर हर हर महादेव की जय हो

शंकर शिव कैलाशपति की जय हो

 

चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तों

शिव जी के चरणों में सर को झुकाए

करें अपने तन मन को गंगा सा पावन

जपें नाम शिव का भजन इनके गाएं

चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तों

लक्खा जी का सुपरहिट भजन: शिव शंकर डमरू वाले

हर हर महादेव की जय हो

हर हर महादेव की जय हो

 

ये संसार है झूठी माया का बंधन

शिवालय में मारग है मुक्ति का भक्तों

ॐ नमः शिवाय नमो

महादेव का नाम लेने से हर दिन

मिलेगा हमें दान शक्ति का भक्तों

मिट्टी में मिट्टी की काया मिलेगी

चलो आत्मा को तो कुंदन बनाएं

चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तों

 

कहीं भी नहीं अंत उस की दया का

करें वंदना उस दयालु पिता की

ॐ नमः शिवाय नमो

हमें भी मिले छावं उसकी कृपा की

हमें भी मिले भीख उसकी दया की

लगाकर समाधि करें शिव का सुमिरन

यूँ सोये हुए भाग्य अपने जगाएं

चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तों

भोले जी का सबसे मनमोहक भजन: सज रहे भोले बाबा

करें सब का कल्याण, कल्याणकारी

भरे सबके भण्डार त्रिनेत्र धारी

ॐ नमः शिवाय नमो

कोई उसको जग में कमी ना रहेगी

बनेगा जो तनमन से शिव का पुजारी

करें नाम लेकर सफल अपना जीवन

ये अनमोल जीवन यूँही ना गवाए

चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तों

 

शिव जी के चरणों में सर को झुकाए

करें अपने तन मन को गंगा सा पावन

जपें नाम शिव का भजन इनके गाएं

चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तों

 

हर हर हर महादेव की जय हो

शंकर शिव कैलाशपति की जय हो

हर हर हर महादेव की जय हो

ज्योर्तिर्लिंग का ध्यान करो (Jyotirling Ka Dhyan Karo)

ॐ नमः शिवाय,

ओम नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय,

ओम नमः शिवाय

सबसे सुन्दर भजन: डम डम डमरू बाजे

शिव शंकर का गुणगान करो,

शिव भक्ति का रसपान करो ।

जीवन ज्योतिर्मय हो जाए,

ज्योतिर्लिंगो का ध्यान करो ।।

शिव शंकर का गुणगान करो

 

ॐ नमः शिवाय,

ओम नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय,

ओम नमः शिवाय

 

उसने ही जगत बनाया है,

कण कण में वही समाया है ।

दुःख भी सुख सा ही बीतेगा,

सिर पर जब शिव का साया है ।

 

बोलो हर हर हर महादेव,

हर मुश्किल को आसान करो ।।

मन को मोह लेने वाला भजन: जय शम्भु जय जय शम्भू

शिव शंकर का गुणगान करो

ॐ नमः शिवाय

 

शंकर तो हैं अन्तर्यामी,

भक्तो के लिए सखा से हैं ।

भगवान भाव के भूखे हैं,

भगवान प्रेम के प्यासे हैं ।

 

मन के मंदिर में इसीलिए

शिव मंदिर का निर्माण करो ।।

 

शिव शंकर का गुणगान करो

ॐ नमः शिवाय

 

शिव शंकर का गुणगान करो,

शिव भक्ति का रसपान करो ।

जीवन ज्योतिर्मय हो जाए,

ज्योतिर्लिंगो का ध्यान करो ।।

हंसराज रघुवंशी का सबसे मनमोहक भजन: गौरी शंकर

शिव शंकर का गुणगान करो

ॐ नमः शिवाय

चलो भोले बाबा के द्वारे ( Chalo Bhole Baba Ke Dware )

चलो भोले बाबा के द्वारे,

सब दुःख कटेंगे तुम्हारे,

भोले बाबा, भोले बाबा, भोले बाबा,

भोले बाबा, भोले बाबा, भोले बाबा,

चलो भोले बाबा के द्वारे,

सब दुःख कटेंगे तुम्हारे,

चलो भोले बाबा के द्वारे,

सब दुःख कटेंगे तुम्हारे ।

भोले बाबा से प्रार्थना: आया हूँ भोले मैं तेरे द्वार

चढ़ा एक शिकारी देखो,

बिल्व वृक्ष पर,

करने को वो शिकार,

शिव चौदस की पावन,

वह रात थी,

अनजाने में हुआ,

पहर पूजा संस्कार,

हुए बाबा प्रकट,

बोले मांगो वरदान,

बोले मांगो वरदान,

दर्शन कर शिकारी को,

हो आया वैराग्य ज्ञान,

हो आया वैराग्य ज्ञान ।

 

करबद्ध कर वो बोला,

हरी ओम, हरी ओम,

हरी ओम, हरी ओम,

हरी ओम, हरी ओम,

करबद्ध कर वो बोला,

दो मुझे भक्ति वरदान,

दो मुझे भक्ति वरदान,

बने बाबा उसके सहारे,

सब दुःख कटेंगे तुम्हारे,

चलो भोले बाबा के द्वारे,

सब दुःख कटेंगे तुम्हारे ।

शिव : नमस्काराथा मंत्र

पापचार के कारण कष्ट सहे,

कन्या स्वामिनी ने,

भिक्षा मांगती वो पहुंची

गोपर्ण में,

मिला बिल्व पत्र उसे,

भिक्षा के रूप में,

बिल्व पत्र अनजाने में,

फेका शिवलिंग पे,

फेका शिवलिंग पे,

पुण्य शिवरात्रि व्रत का,

ऐसे पाया उसने,

ऐसे पाया उसने ।

 

महिमा से शिव की,

हरी ओम, हरी ओम,

हरी ओम, हरी ओम,

हरी ओम, हरी ओम,

महिमा से शिव की,

मोक्ष पाया उसने,

मोक्ष पाया उसने,

बने बाबा उसके सहारे,

सब दुःख कटेंगे तुम्हारे,

चलो भोले बाबा के द्वारे,

सब दुःख कटेंगे तुम्हारे ।

हंसराज रघुवंशी का सबसे मनमोहक भजन : पार्वती बोली शंकर से

चलो भोले बाबा के द्वारे,

सब दुःख कटेंगे तुम्हारे,

भोले बाबा, भोले बाबा, भोले बाबा,

भोले बाबा, भोले बाबा, भोले बाबा,

चलो भोले बाबा के द्वारे,

सब दुःख कटेंगे तुम्हारे ।

महादेव शंकर हैं जग से निराले (Mahadev Shankar Hain Jag Se Nirale)

महादेव शंकर हैं जग से निराले,

बड़े सीधे साधे बड़े भोले भाले ।

मेरे मन के मदिर में रहते हैं शिव जी,

यह मेरे नयन हैं उन्हीं के शिवालय ॥

कालभैरव अष्टकम

बनालो उन्हें अपने जीवन की आशा,

सदा दूर तुमसे रहेगी निराशा ।

बिना मांगे वरदान तुमको मिलेगा,

समझते हैं वो तो हरेक मन की भाषा ॥

वो उनके हैं जो उनको अपना बनाले..॥

 

महादेव शंकर हैं जग से निराले,

बड़े सीधे साधे बड़े भोले भाले ॥

 

जिधर देखो शिव की है महिमा निराली,

ये दाता है और सारी दुनिया सवाली ।

जो इस द्वार पे अपना विशवास कर ले,

तो पल भर में भर जायेगी झोली खाली ॥

उनही के अँधेरे, उनही के उजाले..॥

जुबिन नौटियाल का मधुर भजन : मेरे भोले नाथ

महादेव शंकर हैं जग से निराले,

बड़े सीधे साधे बड़े भोले भाले ।

मेरे मन के मदिर में रहते हैं शिव जी,

यह मेरे नयन हैं उन्हीं के शिवालय ॥

शिव चालीसा (Shiv Chalisa)

॥ दोहा ॥

जय गणेश गिरिजा सुवन,

मंगल मूल सुजान ।

कहत अयोध्यादास तुम,

देहु अभय वरदान ॥

लक्खा जी का सुपरहिट भजन: शिव शंकर डमरू वाले

॥ चौपाई ॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला ।

सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥

 

भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।

कानन कुण्डल नागफनी के ॥

 

अंग गौर शिर गंग बहाये ।

मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥

 

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।

छवि को देखि नाग मन मोहे ॥ 4

 

मैना मातु की हवे दुलारी ।

बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥

 

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।

करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥

 

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।

सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥

 

कार्तिक श्याम और गणराऊ ।

या छवि को कहि जात न काऊ ॥ 8

भोले जी का सबसे मनमोहक भजन: सज रहे भोले बाबा

देवन जबहीं जाय पुकारा ।

तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥

 

किया उपद्रव तारक भारी ।

देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥

 

तुरत षडानन आप पठायउ ।

लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥

 

आप जलंधर असुर संहारा ।

सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥ 12

 

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई ।

सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥

 

किया तपहिं भागीरथ भारी ।

पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥

 

दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।

सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥

 

वेद नाम महिमा तव गाई।

अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥ 16

 

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला ।

जरत सुरासुर भए विहाला ॥

सबसे सुन्दर भजन: डम डम डमरू बाजे

कीन्ही दया तहं करी सहाई ।

नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥

 

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।

जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥

 

सहस कमल में हो रहे धारी ।

कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥ 20

 

एक कमल प्रभु राखेउ जोई ।

कमल नयन पूजन चहं सोई ॥

 

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।

भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥

 

जय जय जय अनन्त अविनाशी ।

करत कृपा सब के घटवासी ॥

 

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।

भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥ 24

 

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो ।

येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥

 

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।

संकट से मोहि आन उबारो ॥

 

मात-पिता भ्राता सब होई ।

संकट में पूछत नहिं कोई ॥

मन को मोह लेने वाला भजन: जय शम्भु जय जय शम्भू

स्वामी एक है आस तुम्हारी ।

आय हरहु मम संकट भारी ॥ 28

 

धन निर्धन को देत सदा हीं ।

जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥

 

अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।

क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥

 

शंकर हो संकट के नाशन ।

मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥

 

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं ।

शारद नारद शीश नवावैं ॥ 32

 

नमो नमो जय नमः शिवाय ।

सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥

 

जो यह पाठ करे मन लाई ।

ता पर होत है शम्भु सहाई ॥

 

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।

पाठ करे सो पावन हारी ॥

 

पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।

निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥ 36

 

पण्डित त्रयोदशी को लावे ।

ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

 

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।

ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥

 

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।

शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥

हंसराज रघुवंशी का सबसे मनमोहक भजन: गौरी शंकर

जन्म जन्म के पाप नसावे ।

अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥ 40

 

कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी ।

जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥

 

॥ दोहा ॥

नित्त नेम कर प्रातः ही,

पाठ करौं चालीसा ।

तुम मेरी मनोकामना,

पूर्ण करो जगदीश ॥

 

मगसर छठि हेमन्त ॠतु,

संवत चौसठ जान ।

अस्तुति चालीसा शिवहि,

पूर्ण कीन कल्याण ॥

ओम जय शिव ओंकारा (Om Jai Shiv Omkara)

ओम जय शिव ओंकारा,

प्रभु हर शिव ओंकारा,

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ।

ओम जय शिव ओंकारा…

भोले बाबा से प्रार्थना: आया हूँ भोले मैं तेरे द्वार

ॐ जय शिव ओंकारा,

प्रभु हर शिव ओंकारा,

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ।

ॐ जय शिव ओंकारा…

 

एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे,

स्वामी पञ्चानन राजे,

हंसासन गरूड़ासन,

हो हंसासन गरूड़ासन,

वृषवाहन साजे ।

ॐ जय शिव ओंकारा…

 

दो भुज चार चतुर्भुज, दसभुज ते सोहे,

स्वामी दसभुज ते सोहे,

तीनों रूप निरखता,

हो तीनों रूप निरखता,

त्रिभुवन मन मोहे ।

ॐ जय शिव ओंकारा…

शिव : नमस्काराथा मंत्र

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी,

स्वामी मुण्डमाला धारी,

चन्दन मृगमद चंदा,

हो चन्दन मृगमद चंदा,

भोले शुभ कारी ।

ॐ जय शिव ओंकारा…

 

श्वेताम्बर, पीताम्बर, बाघाम्बर अंगे,

स्वामी बाघाम्बर अंगे,

ब्रह्मादिक संतादिक,

हो ब्रह्मादिक संतादिक,

भूतादिक संगे ।

ॐ जय शिव ओंकारा…

 

कर मध्ये कमण्ड चक्र त्रिशूलधरता,

स्वामी चक्र त्रिशूलधरता,

जग कर्ता जग हरता,

हो जग कर्ता जग हरता,

जगपालन करता ।

ॐ जय शिव ओंकारा…

हंसराज रघुवंशी का सबसे मनमोहक भजन : पार्वती बोली शंकर से

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव जानत अविवेका,

स्वामी जानत अविवेका,

प्रनाबाच्क्षर के मध्ये,

हो प्रनाबाच्क्षर के मध्ये,

ये तीनों एका ।

ॐ जय शिव ओंकारा…

 

त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ जन गावे,

स्वामी जो कोइ जन गावे,

कहत शिवानन्द स्वामी,

हो कहत शिवानन्द स्वामी,

मनवान्छित फल पावे ।

ॐ जय शिव ओंकारा…

 

ओम जय शिव ओंकारा,

प्रभु हर शिव ओंकारा,

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ।

ओम जय शिव ओंकारा…

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