Varalakshmi Vratha 2023:वरलक्ष्मी व्रत कब है? सर्वार्थ सिद्धि सहित योग 2 है शुभ प्रगति, जानिए पूजा का महत्व और विधि। - Bhajan Sangrah
GaanaGao1 year ago 217Varalakshmi Vrat: हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास के समाप्त होते ही भाद्रपद का पहला शुक्रवार के दिन वरलक्ष्मी व्रत रखा जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी के वरलक्ष्मी स्वरूप की पूजा की जाती है। विवाहित महिलाएं वरलक्ष्मी व्रत को पति और बच्चों की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए आशीर्वाद रखती हैं। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, इस शुभ दिन पर देवी लक्ष्मी की पूजा करना अष्टलक्ष्मी की पूजा करने के बराबर है - प्रेम, धन, शक्ति, शांति, प्रसिद्धि, खुशी, पृथ्वी और विद्या की आठ देवी।
इस साल वरलक्ष्मी का व्रत काफी खास है। क्यों सौभाग्य, शोभन जैसे योग बन रहे है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि वरलक्ष्मी का व्रत रखने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। वरलक्ष्मी व्रत आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तरी तमिलनाडु और तेलंगाना में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।
वरलक्ष्मी व्रत 2023 तारीख
इस साल वरलक्ष्मी व्रत 25 अगस्त दिन शुक्रवार को है. उस दिन नवमी तिथि देर रात 02 बजकर 02 मिनट तक रहेगी. अनुराधा नक्षत्र सुबह 09:14 बजे तक है और उसके बाद से ज्येष्ठा नक्षत्र है. उस दिन का अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक है.
वरलक्ष्मी व्रत 2023 दो शुभ योग
25 अगस्त को वरलक्ष्मी व्रत वाले दिन 2 शुभ योग सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग बन रहे हैं. सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05 बजकर 55 मिनट से बन रहा है, जो सुबह 09 बजकर 14 मिनट तक होगा. वहीं रवि योग सुबह 09 बजकर 14 मिनट से बनेगा और अगले दिन 26 अगस्त शनिवार को सुबह 05 बजकर 56 मिनट तक रहेगा. इस तरह से देखा जाए तो सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग में वरलक्ष्मी व्रत और पूजा होगी.
वरलक्ष्मी व्रत 2023 पूजा मुहूर्त
1. पहला मुहूर्त: सिंह लग्न में- सुबह 05:55 बजे से 07:42 बजे तक
2. दूसरा मुहूर्त: वृश्चिक लग्न में- दोपहर 12:17 बजे से दोपहर 02:36 बजे तक
3. तीसरा मुहूर्त: कुंभ लग्न में- शाम 06:22 बजे से शाम 07:50 बजे तक
4. चौथा मुहूर्त: वृषभ लग्न में- रात 10:50 बजे से देर रात 12:45 बजे तक
माता लक्ष्मी की पूजा के लिए पहले मुहूर्त में 1 घंटा 46 मिनट, दूसरे मुहूर्त में 2 घंटा 19 मिनट, तीसरे मुहूर्त में 1 घंटा 27 मिनट और चौथे मुहूर्त में 1 घंटा 56 मिनट का शुभ समय प्राप्त होगा.
वरलक्ष्मी पूजा सामग्री
वरलक्ष्मी की पूजा सामग्री में वही सब सामान लगते हैं, जो दिपावली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा में लगते हैं। मां वरलक्ष्मी की पूजा करने से पहले नारियल, चंदन, हल्दी, कुमकुम, कलश, लाल वस्त्र, अक्षत, फल, फूल, दूर्वा, दीप, धूपस माला, हल्दी, मौली, दर्पण, कंघा, आम के पत्ते, पान के पत्ते, दही, केले, पंचामृत, कपूर दूध और जल इकट्ठा कर लें।
वरलक्ष्मी व्रत पूजा विधि
- प्रातः काल जगकर दैनिक कार्य खत्म करके स्नान कर लेना चाहिए।
- पूजा करने वाली जगह पर गंगाजल छिड़ककर पवित्र कर लें।
- मां वरलक्ष्मी का मनन करते हुए व्रत रखने का संकल्प करें।
- एक लकड़ी की चौकी में लाल रंग का साफ वस्त्र बिछाकर मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- तस्वीर के बगल में थोड़े से चावल रखें औऱ उसके ऊपर एक कलश में जल भरकर रख दें।
- कलश के चारों तरफ से चंदन लगा लेना चाहिए।
- माता लक्ष्मी और गणेश को पुष्ण, दूर्वा, नारियल, चंदन, हल्दी, कुमकुम, माला अर्पित करें।
- मां वरलक्ष्मी को सोल श्रृंगार अर्पित करें।
- अब मिठाई का भोग लगाएं।
- इसके बाद धूप और घी का दीपक जलाकर मंत्र पढ़ लें।
- पूजा के बाद वरलक्ष्मी व्रत कथा का पाठ करें।
- अंत में आरती करके सभी के बीच प्रसाद का वितरण कर दें।
Singer - Bhajan Sangrah
और भी देखे :-
- शिरडी वाले साईं बाबा (Shirdi Wale Sai Baba)
- जिंदगी संवार दी तुमने
- विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोतम
- जय जय श्री श्याम (Jay Jay Shri Shyam)
- श्री हनुमान चालीसा (Shree Hanuman Chalisa)
- बनोगे राधा तो ये जानोगे लिरिक्स ( Banoge Radha To Ye Janoge Lyrics In Hindi )
- जगत में सब मतलब के यार (Jagat Mein Sab Matlab Ke Yaar)
- फूलों में सज रही है मेरी मैया शेरो वाली लिरिक्स (Phulo Mein Saj Rahi Hai Meri Maiya Sherawali Lyrics)
- मैं आया हूँ तेरे द्वारे गणराज गजानन प्यारे लिरिक्स (Main Aaya Hoon Tere Dwaare Ganaraj Gajaanan Pyaare Lyrics)
- आए राम मेरे लिरिक्स (Aaye Ram Mere Lyrics)
अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।