जन्माष्टमी का व्रत कैसे रखते हैं (Janmashtmi Ka Vrat Kaise Rakhte Hain) - The Lekh



हिंदू धर्म में भगवान श्री कृष्ण
की पूजा सभी संकटों से निकालकर सुख-समृद्धि और सौभाग्य का वरदान देने वाली मानी गई है. पलक झपकते ही सभी कामनाओं को पूरा करने वाले कृष्ण की पूजा के लिए भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को अत्यंत ही शुभ माना गया है क्योंकि द्वापर युग में इसी पावन तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण ने पृथ्वी पर जन्म लिया था. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का यह पर्व इस साल 7 सितंबर 2023, गुरुवार को अर्धरात्रि में मनाया जाएगा. आइए कान्हा के जन्मोत्सव वाले दिन रखे जाने वाले व्रत की विधि और उसका धार्मिक महत्व जानते हैं.


-जन्माष्टमी के व्रत से पहले सप्तमी तिथि को सात्विक भोजन करना चाहिए. कहते हैं कि जन्माष्टमी का व्रत सप्तमी तिथि से ही शुरू हो जाता है. 
 
- सुबह व्रत रखने से पहले स्नान आदि कर हाथ में तुलसी का पत्ता लें और व्रत का संकल्प लें. 
 
- व्रत संकल्प लेने के बाद भगवान श्री कृष्ण की पूजा करें. लड्डू गोपाल को पंचामृत से स्नान कराएं. साफ-सुंदर वस्त्र पहनाएं. उन्हें नया मुकुट, माला, बांसुरी, करधनी आदि चीजों से ऋंगार करें. 
 
- इस दिन पूजा के बाद कान्हा को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाएं. अगर आप चाहें तो इस दिन सुबह लड्डू गोपाल को फलों का भोग लगाएं और दिन में आप इन्हें खा भी सकते हैं. 
 
- जन्माष्टमी के व्रत का पारण रात को 12 बजे श्री कृष्ण के जन्म के बाद ही समाप्त किया जाता है. ऐसे में आप दिन में फलाहार कर सकते हैं. ध्यान रखें इस दिन सूर्यास्त के बाद जल ग्रहण नहीं किया जाता.
 
- जितना संभव हो इस दिन भगवान श्री कृष्ण के नाम जपते रहें. भजन-कीर्तन करते रहें. 
 
- जन्माष्टमी के दिन जरूरतमंदों को दान करें. संभव हो तो इस दिन गायों को चारा खिलाएं, उनकी सेवा करें. क्योंकि बाल गोपाल को गाय बेहद प्रिय थी. 

Singer - The Lekh

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